ब्यावर को जिला बनाने के अलावा अन्य कई ओर भी समस्याएं हैं, जिनके निराकरण की मांग चल रही है। कई नेताओं ने इन समस्याओं के निराकरण के आश्वासन दिए, लेकिन अभी तक इन समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। सतपुलिया विस्तारीकरण सहित अन्य काम स्वीकृत होने के बाद काम भी शुरु हो गया, लेकिन विभागों के बीच आपसी तालमेल के अभाव में यह काम कछुआ गति से चलता रहा। यह काम अब तक अटका हुआ है। ऐसे ही मिनरल उद्योग सहित अन्य समस्याओं के निराकरण की मांग उठाई गई, लेकिन पूरी नहीं हो सकी। हालांकि सालों से चली आ रही सतपुलिया विस्तारीकरण को बजट मिला लेकिन यह काम समय पर पूरा नहीं हो सका।
मिनरल कलस्टर माना लेकिन नहीं मिली सुविधा
राजस्थान रिसर्जेंट में ब्यावर को मिनरल कलस्टर माना गया। लेकिन इस दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं हो सके। यहीं कारण है कि रीको में न तो सडक़ों का निर्माण हो सका एवं न ही नालियों का निर्माण हुआ। इससे जगह-जगह गंदगी पसरी है। प्रदूषण के कारण आमजन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां आने वाले श्रमिकों के बैठने व उनके बच्चों के खेलने के लिए कोई सुविधा नहीं है। बच्चे उड़ती धूल मिट्टी के बीच खेलते रहते हैं। इस मिट्टी के बीच बैठकर ही श्रमिक खाना खाते हैं।
राजस्थान रिसर्जेंट में ब्यावर को मिनरल कलस्टर माना गया। लेकिन इस दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं हो सके। यहीं कारण है कि रीको में न तो सडक़ों का निर्माण हो सका एवं न ही नालियों का निर्माण हुआ। इससे जगह-जगह गंदगी पसरी है। प्रदूषण के कारण आमजन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां आने वाले श्रमिकों के बैठने व उनके बच्चों के खेलने के लिए कोई सुविधा नहीं है। बच्चे उड़ती धूल मिट्टी के बीच खेलते रहते हैं। इस मिट्टी के बीच बैठकर ही श्रमिक खाना खाते हैं।
टूटी सडक़ें आमजन परेशान
शहर का बिजयनगर रोड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो रखा है। अस्पताल मार्ग की भी दुर्दशा हो रखी है। छावनी मार्ग भी खस्ताहाल है। इसके बावजूद इन टूटी सडक़ों की सुध नहीं ली गई। नालियों का निर्माण नहीं हो सका। इसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि गौरव पथ का निर्माण तो हुआ लेकिन कुछ समय बाद ही डिवाइडर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस क्षतिग्रस्त डिवाइडर को दुरुस्त तक नहीं करवाया जा रहा है। शहर के अधिकांश सडक़ों की यहीं स्थिति है।
शहर का बिजयनगर रोड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो रखा है। अस्पताल मार्ग की भी दुर्दशा हो रखी है। छावनी मार्ग भी खस्ताहाल है। इसके बावजूद इन टूटी सडक़ों की सुध नहीं ली गई। नालियों का निर्माण नहीं हो सका। इसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि गौरव पथ का निर्माण तो हुआ लेकिन कुछ समय बाद ही डिवाइडर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस क्षतिग्रस्त डिवाइडर को दुरुस्त तक नहीं करवाया जा रहा है। शहर के अधिकांश सडक़ों की यहीं स्थिति है।
संक्रमण के साए में अस्पताल
अमृतकौर चिकित्सालय के ट्रोमा वार्ड से सटकर ही मुख्य मार्ग पर शौचालय का निर्माण कराया गया है। इस शौचालय के निर्माण के बाद इसकी सफाई ही नहीं की गई। इस कारण यहां पर जमा गंदगी से ट्रोमा वार्ड में संक्रमण का संकट बना है। इसके बावजूद इसकी सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसकी बदबू से यहां बैठना तक दुश्वार है। गंदगी फैलते हुए सडक़ तक आ गई है। इसके बावजूद जिम्मेदार अनजान बने बैठे हैं।
अमृतकौर चिकित्सालय के ट्रोमा वार्ड से सटकर ही मुख्य मार्ग पर शौचालय का निर्माण कराया गया है। इस शौचालय के निर्माण के बाद इसकी सफाई ही नहीं की गई। इस कारण यहां पर जमा गंदगी से ट्रोमा वार्ड में संक्रमण का संकट बना है। इसके बावजूद इसकी सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसकी बदबू से यहां बैठना तक दुश्वार है। गंदगी फैलते हुए सडक़ तक आ गई है। इसके बावजूद जिम्मेदार अनजान बने बैठे हैं।
बेतरतीब पार्किंग बनी है समस्या
शहर में बेतरतीब पार्किंग की समस्या से आमजन खासा परेशान है। हालात यह है कि स्ट्रीट वेंडर नीति लागू नहीं किए जाने से ठेले वाले मनमर्जी से खड़े हो जाते हैं। मुख्य बाजार में ठेले वाले बीचोंबीच खड़े रहते हैं। इससे बाजार में खरीदारी करने आने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद न तो नगर परिषद प्रशासन ध्यान दे रहा है एवं न ही यातायात पुलिस को ही इसकी परवाह है।
शहर में बेतरतीब पार्किंग की समस्या से आमजन खासा परेशान है। हालात यह है कि स्ट्रीट वेंडर नीति लागू नहीं किए जाने से ठेले वाले मनमर्जी से खड़े हो जाते हैं। मुख्य बाजार में ठेले वाले बीचोंबीच खड़े रहते हैं। इससे बाजार में खरीदारी करने आने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद न तो नगर परिषद प्रशासन ध्यान दे रहा है एवं न ही यातायात पुलिस को ही इसकी परवाह है।
मुख्य चौराहा पर बनी है अव्यवस्था
शहर के मुख्य चौराहा पर यातायात की समुचित व्यवस्था नहीं है। हर चौराहा पर दिन में कई बार जाम की स्थिति बनती है। यहां पर ट्रॉफिक लाइट लगाने का प्रस्ताव बना। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर भी भिजवा दिया। इस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिल सकी।
शहर के मुख्य चौराहा पर यातायात की समुचित व्यवस्था नहीं है। हर चौराहा पर दिन में कई बार जाम की स्थिति बनती है। यहां पर ट्रॉफिक लाइट लगाने का प्रस्ताव बना। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर भी भिजवा दिया। इस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिल सकी।