अजमेर. बिपरजॉय तूफान के बाद लगातार हुई बारिश से टापू में तब्दील हुए अनापुरा गांव में बुधवार सुबह एसडीआरएफ और सिविल डिफेन्स की टीम ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। उन्होंने गांव में फंसे 100 से ज्यादा महिला-पुरुष और बच्चों के साथ मवेशियों को मोटर बोट समेत विभिन्न साधनों से सुरक्षित बाहर निकाला। बुधवार सुबह साढ़े 9 बजे आनासागर झील में बारादरी से यह दृश्य जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित, पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट समेत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने देखा। इसमें मानसून की बारिश से पूर्व एसडीआरएफ और सिविल डिफेन्स के जवानों ने संयुक्त अभ्यास किया। एसडीआरएफ के जवानों ने ज्यादा बारिश में टापू में तब्दील हुए गांव के लोगों को मोटर बोट से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। राहत एवं बचाव कार्य के दौरान ग्रामीणों से भरी बोट अचानक पलटने से पेश आए हादसे में डूबते हुए लोगों को बचाया। गहरे पानी में डूबने से अचेत हुए युवक के पेट से पानी निकाल उसको सी.पी.आर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) कृत्रिम सांस देकर जान बचाई गई। डाइविंग सूट का प्रदर्शन एसडीआरएफ के जवानों ने 40 फीट गहरे पानी में डूबे युवक को डीप डाइविंग सूट की मदद से गहराई में गोता लगाकर बाहर निकाला। उन्होंने मोटर बोट के साथ कई हैरतंगेज कारनामे दिखाते हुए अत्याधुनिक उपकरणों का भी प्रदर्शन किया। तैयारियों को जांचा-परखा जिला कलक्टर भारती दीक्षित ने कहा कि एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस की टीम ने मॉकड्रिल से न केवल अपनी तैयारी बल्कि उपकरणों की कार्य कुशलता को भी जांचा-परखा। उन्होंने कहा कि मानसून को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। आमजन से भी आह्वान किया गया है कि मछलियां पकड़ने का काम नहीं करें। ना केवल झील बल्कि आनासागर एस्कैप चैनल से निकलने वाले पानी का बहाव भी तेज है।
अजमेर. बिपरजॉय तूफान के बाद लगातार हुई बारिश से टापू में तब्दील हुए अनापुरा गांव में बुधवार सुबह एसडीआरएफ और सिविल डिफेन्स की टीम ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। उन्होंने गांव में फंसे 100 से ज्यादा महिला-पुरुष और बच्चों के साथ मवेशियों को मोटर बोट समेत विभिन्न साधनों से सुरक्षित बाहर निकाला। बुधवार सुबह साढ़े 9 बजे आनासागर झील में बारादरी से यह दृश्य जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित, पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट समेत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने देखा। इसमें मानसून की बारिश से पूर्व एसडीआरएफ और सिविल डिफेन्स के जवानों ने संयुक्त अभ्यास किया। एसडीआरएफ के जवानों ने ज्यादा बारिश में टापू में तब्दील हुए गांव के लोगों को मोटर बोट से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। राहत एवं बचाव कार्य के दौरान ग्रामीणों से भरी बोट अचानक पलटने से पेश आए हादसे में डूबते हुए लोगों को बचाया। गहरे पानी में डूबने से अचेत हुए युवक के पेट से पानी निकाल उसको सी.पी.आर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) कृत्रिम सांस देकर जान बचाई गई। डाइविंग सूट का प्रदर्शन एसडीआरएफ के जवानों ने 40 फीट गहरे पानी में डूबे युवक को डीप डाइविंग सूट की मदद से गहराई में गोता लगाकर बाहर निकाला। उन्होंने मोटर बोट के साथ कई हैरतंगेज कारनामे दिखाते हुए अत्याधुनिक उपकरणों का भी प्रदर्शन किया। तैयारियों को जांचा-परखा जिला कलक्टर भारती दीक्षित ने कहा कि एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस की टीम ने मॉकड्रिल से न केवल अपनी तैयारी बल्कि उपकरणों की कार्य कुशलता को भी जांचा-परखा। उन्होंने कहा कि मानसून को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है। आमजन से भी आह्वान किया गया है कि मछलियां पकड़ने का काम नहीं करें। ना केवल झील बल्कि आनासागर एस्कैप चैनल से निकलने वाले पानी का बहाव भी तेज है।