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कलक्टर ने दिए गल्र्स को टिप्स..तय करो क्या बनना है, जुट जाओ तैयारी में

locationअजमेरPublished: May 22, 2018 05:44:06 am

Submitted by:

raktim tiwari

डोगरा को इन छात्राओं ने अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि उन्होंने कभी अभावों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।

collector tips for girls

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अजमेर

गरीब परिवारों की प्रतिभाशाली बेटियां, बड़े सपने, आर्थिक तंगी की बाधा, लेकिन अब सब बदल चुका है। अजमेर जिले की 9 टॉपर बेटियां अब सपने पूरे करने के लिए तैयार हैं। इसमें सहायक बनी है मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना। योजना से मिली लाखों रुपए की आर्थिक सहायता से इन बच्चियों को प्रदेश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में दाखिला मिला है। ये बेटियां अब आईएएस, इंजीनियर और डाक्टर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
जिला कलक्टर आरती डोगरा ने सोमवारको मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना के तहत चयनित जिले की टॉपर छात्राओं प्रियंका जाधव, रूपाली गुर्जर, चेतना वर्मा, अर्चना खारोल, हर्षिता भटनागर, निधि शर्मा, तमन्ना कतीरिया, आरती मीणा एवं पिंकी साहू से मुलाकात की। आत्मविश्वास से भरी इन बेटियों ने कहा कि साधारण परिवार और सीमित आय होने से हमेशा यह चिंता बनी रहती थी कि हमारा भविष्य क्या होगा।
लेकिन इस योजना से अब हम निश्चिंत होकर अपने सपनों को पूरा करने में जुट गई हैं। डोगरा को इन छात्राओं ने अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि उन्होंने कभी अभावों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। किसी के पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं तो किसी के पिता साधारण नौकरी पेशा हैं। इन सभी ने अपनी दादी और मां से मिले समर्थन को भी सफलता का कारण बताया
आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत जरूरी

कलक्टर डोगरा ने छात्राओं से कहा कि वे सभी प्रतिभावान हैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए जुट जाओ। परिस्थितियों से घबराए बिना लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहो। आप अचीवर हो, आप तय करो कि क्या बनना है और बस जुट जाओ।
कॅरियर के लिए सम्पूर्ण प्रयास करो, सफलता आपके साथ होगी। उन्होंने छात्राओं से कहा कि आप आईएएस बनो, इंजीनियर या डॉक्टर। जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हो उसकी पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए। परीक्षा के लिए हिन्दी या अंग्रेजी माध्यम में कोई अन्तर नही है। उन्होंने बालिकाओं को परीक्षा तैयारी के टिप्स देते हुए कहा कि परीक्षाओं में सफलता के लिए आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और निरन्तरता बेहद जरूरी है।
अब प्राइवेट नहीं, सरकारी स्कूलों का समय
कलक्टर से बातचीत में बालिकाओं ने कहा कि जब हम सरकारी स्कूलों में पढ़ते तो प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थी हमें हीनभावना से देखते थे। अब तस्वीर बदल गई है। अब हमारी सफलता और सरकारी स्कूलों की सुविधाएं देख कर आसपास के अभिभावक भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं।
मिली 1048 लाख की सहायता टॉपर बेटियों को अपनी पढ़ाई के लिए 10.48 लाख रुपए की सहायता की जा चुकी है। इनमें रूपाली गुर्जर को 95,397, प्रियंका जाधव को 1,99,766, चेतना वर्मा को 1,57,397, अर्चना खारोल को 1,00,000, हर्षिता भटनागर को 99,710, निधि शर्मा को 98,000, तमन्ना कतीरिया को 97,940, आरती मीणा को 1 लाख तथा पिंकी साहू 1 लाख रूपए की सहायता प्रदान की गई है। इनकी पढ़ाई का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी।
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