गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि गुर्जर आरक्षण के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि जब एससी/ एसटी कानून के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया तो संसद अध्यादेश लाकर उसमें बदलाव करती है उसी तर्ज पर गुर्जर आरक्षण मामले में भी ऐसा क्यों नहीं किया जाता।
बैंसला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका मानना है कि अब युवाओं को आगे आने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि गुर्जर उस पार्टी के साथ हैं जो गुर्जरों का साथ देगा।
अचानक अजमेर पहुंचे कर्नल बैंसला ने गुर्जर समाज के पदाधिकारियों से चर्चा की। गुर्जर समाज के नौरत गुर्जर ने बताया गुर्जर समाज आक्रोश रैली निकालेगा। बैंसला को रैली की तैयारियों के बारे में अवगत कराया गया।
हमारे युवाओं में सुल्तान बनने का दम, मैं तैयार करूंगा दारासिंह भारतीय युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। युवाओं में ‘सुल्तान’ बनने का दम है। कुश्ती जल्द देश-दुनिया की सिरमौर बनेगी। यह बात कुश्ती के भारत केसरी जगदीश कालीरमन ने पत्रिका से बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि रियो ओलंपिक के बाद भारतीय कुश्ती को फिर से पहचान मिली। दंगल और सुल्तान फिल्म के बाद तो कुश्ती को जबरदस्त बल मिला। पहले लडक़े ही कुश्ती सीखते थे, लेकिन इन फिल्मों के बाद लड़कियों में की कुश्ती सीखने की ललक बढ़ी। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने भी कुश्ती की पहचान बढ़ाने में काफी मदद की। वास्तव में भारतीय युवाओं में कोई कमी नहीं है। उन्हें उचित प्रशिक्षण, मार्गदर्शन दिया तो वे दुनिया भर में अपना दबदबा जमा सकते हैं।
कुश्ती में देंगे आत्मरक्षा प्रशिक्षण
कालीरमन ने कहा कि आमतौर पर जूडो-कराटे को ही आत्मरक्षा का पर्याय समझा जाता रहा है। वैसे जूडा़े-कराटे भारतीय कला नही है। अब वे कुश्ती के माध्यम से आत्मरक्षा प्रशिक्षण की शुरुआत करना चाहते हैं। कुश्ती स्वास्थ्य का आधार है। वे युवक-युवतियों को कुश्ती के माध्यम से आत्मरक्षा के गुर भी सिखाएंगे।
कालीरमन ने कहा कि आमतौर पर जूडो-कराटे को ही आत्मरक्षा का पर्याय समझा जाता रहा है। वैसे जूडा़े-कराटे भारतीय कला नही है। अब वे कुश्ती के माध्यम से आत्मरक्षा प्रशिक्षण की शुरुआत करना चाहते हैं। कुश्ती स्वास्थ्य का आधार है। वे युवक-युवतियों को कुश्ती के माध्यम से आत्मरक्षा के गुर भी सिखाएंगे।