आना सागर की दुर्दुशा को लेकर पीएम को शिकायत
यूआईटी के पूर्व चेयरमैन धर्मेश जैन ने संभागीय आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
अजमेर
Published: April 21, 2022 07:43:33 pm
अजमेर. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आनासागर झील के की भराव क्षमता को कम कर झील क़ी भराव क्षमता कम कर इसकी दुर्दशा के विरोध में यूआईटी के पूर्व चेयरमैन धर्मेश जैन व अन्य ने को प्रधानमंत्री के नाम संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। जैन के अनुसार स्मार्ट सिटी के बजट का दुरुपयोग न्यायालय के आदेशों के विपरीत आनासागर के ऐतिहासिक स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियो के विरुद्ध उच्चस्तरीय जांच कर कार्येवाही करते हुए आनासागर झील को अपने पूर्ण भराव क्षमता में मूल स्वरूप में वापस लाया जाए। जैन ने बताया कि उच्च न्यायालय ने अब्दुल रहमान बनाम सरकार के निर्णय की पालना में आनासागर झील सरक्षण हेतु कुल 171 बीघा 3 बिस्वा 10 बिस्वॉनसी भूमि अवाप्त अवार्ड 10 अक्टूबर 2014 को जारी किया व आनासागर वेटलैंड निर्माण हेतु कुल 215 बीघा 14 बिस्वा भूमि की अवाप्ति भी की गई।
वेटलैंड और भूमि अवाप्ति पर 1.8 करोड़ खर्च
उच्च न्यायलय ने याचिका 5464/2007 में 8 फरवरी 2009 में जिला कलेक्टर अजमेर को निर्देशित कर आनासागर झील को सरक्षित करने बरसात के पानी के आवक सुनिश्चित करने वेटलैंड निर्माण हेतु भूमि अवाप्त की कारवाही प्रारम्भ करने के आदेश दिए थे। आनासागर में भूमि अवाप्ति हेतु 75 करोड़ 43 लाख व 33 करोड़ 5 लाख कुल 1 अरब 8 करोड़ 48 लाख रूपये के राशि सरकार ने जारी की।
कब्जा प्राप्त नहीं कर सका एडीए, नहीं मान रहे कोर्ट के आदेश
भूमि अवाप्ति के खिलाफ खातेदारों द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में वाद दायर किया जिस पर 2014 में ही खातेदारों को स्टे ले लिया। इस कारण अजमेर विकास प्राधिकरण आनासागर झील के चारो तरफ अवाप्त भूमि का कब्ज़ा प्राप्त नहीं कर सका। सरकार ने 3 जनवरी 2014 द्वारा कार्यालय नगर निगम अजमेर अधिसूचना 24 दिसंबर 2013 द्वारा आनासागर झील के नो कंस्ट्रक्शन जोन की सीमाएं निधाZरित कर दी।उच्च न्यायालय में याचिका संख्या 311/2021 दिनांक 7 जनवरी 2021 दायर की गई जिस में कोर्ट द्वारा 14 विभागों को नोटिस जारी किए। जिसमे आनासागर झील में आने वाले गंदे पानी को रोकने स्मार्ट सिटी द्वारा झील के एफटीएल (फुल टैंक लेवल) में किसी भी तरह का निर्माण ना करने व झील सरक्षण तहत आदेशों की पालना का आदेश दिए।
नियमों के विपरीत बनवा दिया सेवन वंडर्स
24 मार्च 2021 को नगर निगम ने जिला स्तरीय झील सरक्षण समिति की बैठक में प्रस्ताव संख्या 1 में आनासागर झेल के चारो तरफ पाथ वे निर्माण हेतु भूमि अवाप्त कर अगली झील सरक्षण की मीटिंग में एडीए को पाथवे निर्माण का लेआउट प्लान प्रस्तुत करने को कहा गया। लेकिन कोर्ट के भूमि अवाप्ति के खिलाफ स्टे के चलते एडीए ने मात्र नो कंस्ट्रक्शन जोन के अंतर्गत पड़ी एडीए सामित्व के भूमि को नियम विरुद्ध सेवन वंडर्स निर्माण के लिए एनओसी दे दी। जबकि को समिति इस तरह का निर्णय लेने के अधिकार नहीं है।
14 नालों का गंदा पानी गिर रहा झील में,शहरवासी परेशान
आनासागर झील में शहर के 14 गंदे पानी के नालो की आवक से गंदे पानी के तालाब में बदल गई। इससे उठती दुर्गन्ध से आस पास की आबादी के स्वस्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रही है। झील का पानी हरा हो चूका है ऑक्सीजन की कमी से मछलिया मर रही है। जैन ने आरोप लगाया कि भूमि माफियाओ के साथ मिलकार स्मार्ट सिटी अजमेर के अधिकारियो ने झील सरक्षण की मूल भावना को दरकिनार कर स्मार्ट सिटी मिशन के धन का दुरूपयोग कर ठेकेदारों व अपने स्वार्थ सिद्ध किए है।

anasagar lake
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
