गांधी सागर निवासी विजयसिंह तलाव गांव में किराए से रहता है। वह क्रेशर चालक है। वह सुबह काम पर गया था। उसकी 12 साल की पुत्री आरती सहेली निशा के साथ दोपहर में चौराहे पर दुकान से कोई सामान लेने गई थी।
आरती जब काफी देर तक घर नहीं लौटी तो उसकी मां चंदाबाई ने विजय को फोन किया। सूचना पर विजय व अन्य लोगों ने उसकी तलाश शुरू की। जब उसका कहीं पता नहीं चला तो सभी थाने पहुंचे।
तभी किसी व्यक्ति ने सूचना दी कि उसने दो बालिकाओं को कुछ समय पहले पुलिया के नीचे गड्ढे के पास देखा था। इस पर पुलिस व सभी वहां पहुंचे। सूचना पर निगम के गोताखोर विष्णु शृंगी भी मौके पर पहुंच गए। 10 फीट गहरे गड्ढे में दलदलीय पानी था। चार बार के प्रयास में बच्ची को ढूंढकर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थी। बालिका को देख परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
सूत्रों ने बताया कि आरती और निशा दोनों घर जा रही थी। निशा का पैर फिसलने से वह गिरी तो आरती उसे बचाने पानी में उतरी। निशा तो बाहर आ गई, आरती फंस गई। डर के कारण निशा ने किसी को सूचना नहीं दी।
एसआई सूरज सिंह ने बताया कि बालिका की पानी में डूबने से मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। 6 माह पहले बड़े बेटे की हुई थी मौत विजय ने बताया कि आरती उसकी सबसे छोटी बेटी थी। तीन बच्चों में सबसे बड़े 19 साल के बेटे की 6 माह पहले ही बीमारी से मौत हुई थी। अब आरती की मौत हो गई। तीसरी बेटी किरण (15) के दिल में छेद होने से वह भी बीमार रहती है।