अब डॉ. शर्मा का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के संभावित प्रत्याशी से होगा। डॉ. शर्मा संभवत: अगले सप्ताह नामांकन दाखिल कर सकते हैं। पूर्व मुख्य सचेतक व केकड़ी के विधायक रहे डॉ. शर्मा के नाम पर बुधवार को कांग्रेस आलाकमान ने मुहर लगा दी उन्हें अधिकृत रूप से कांग्रेस का सिंबल दिए जाने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
पूर्व सांसद सावरलाल जाट के निधन के बाद कांग्रेस में अजमेर से चुनाव लडऩे वाले नेताओं में डॉ. शर्मा का नाम प्रमुखता से चल रहा था। पार्टी के संभावित नामों में डॉ शर्मा सबसे मजबूत व प्रबल दावेदार माने गए हैं। शर्मा जिले में एक मात्र ऐसे नेता हैं जो विपक्ष में रहते हुए भी सक्रिय हैं। केकड़ी विधायक रहते हुए उन्होंने राजकीय अस्पताल का विकास, डाक विभाग का एक अहम केन्द्र खुलवाने में योगदान दिया। इसके अलावा शर्मा के कार्यकाल में केकड़ी क्षेत्र में कई विकास कार्य हुए।
यूं हुए प्रबल दावेदार यूं तो अजमेर से प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के चुनाव लडऩे की चर्चाएं चलीं लेकिन अन्य दावेदारों में डॉ. शर्मा सबसे मजबूत माने गए। जिस तरह डॉ शर्मा ने मुख्य सचेतक रहते हुए विधानसभा में कांग्रेस का पक्ष मजबूती से रखा। उसे देखते हुए पार्टी ने लोकसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया। इसके अलावा डॉ. शर्मा पूर्व सीएम अशोक गहलोत , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के भी करीबी माने जाते हैं। पार्टी को उम्मीद है कि गहलोत व जोशी भी डॉ शर्मा के लिए चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। साथ ही ब्राह्मण होने के नाते शर्मा सवर्ण और अन्य जाति के वोट प्राप्त कर सकेंगे।
लंबे समय बाद ब्राह्मण प्रत्याशी दावेदार अजमेर संसदीय क्षेत्र से लंबे समय बाद ब्राह्मण प्रत्याशी कतार में है। सबसे पहले 1951 में ज्वाला प्रसाद शर्मा अजमेर के सांसद रहे। 1957 से 1962 व 1962 से 1967 तक मुकुट बिहारी लाल भार्गव, इसके बाद डॉ शर्मा दूसरे ब्राह्मण है जिन्हें अजमेर से टिकिट देने की प्रबल संभावना है। हालाकि इस दौरान 1967 से 1977 तक दो बार बी. एन. भार्गव सांसद रहे।