अहमदाबाद की ठेकेदार कम्पनी मेला मैदान के पीछे पाइप डालने के लिए खुदाई का काम शुरू कर दिया है।
अधिशाषी अभियंता ओमप्रकाश धीधवाल ने बताया कि योजना के पहले चरण में गौतम आश्रम के पास से है। लाज रोड से पूरणकुंड, मारवाड़ बस स्टैण्ड से मेला मैदान के पीछेबायपास रोड पार करके करीब 1.50 किलोमीटर भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
अधिशाषी अभियंता ओमप्रकाश धीधवाल ने बताया कि योजना के पहले चरण में गौतम आश्रम के पास से है। लाज रोड से पूरणकुंड, मारवाड़ बस स्टैण्ड से मेला मैदान के पीछेबायपास रोड पार करके करीब 1.50 किलोमीटर भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
इस पाइप लाइन से इन ईलाकों का बरसाती व गंदा पानी भूमिगत पाइप लाइन से ढलान की ओर बहता हुआ। आन्तरिक पाइप लाइन से सीधा मेला मैदान तक ले जाया जाएगा।
इसमें देवनगर रोड आबादी का सारा गंदा सीवरे का पानी भी बाहर फैंका जाएगा। इस व्यवस्था के बाद ऊंचाई वाले इलाकों का पानी सीधे पूरणकुंड मे एकत्र नहीं होगा।
इसमें देवनगर रोड आबादी का सारा गंदा सीवरे का पानी भी बाहर फैंका जाएगा। इस व्यवस्था के बाद ऊंचाई वाले इलाकों का पानी सीधे पूरणकुंड मे एकत्र नहीं होगा।
कस्बे की सीवरेज लाइनों पर दबाव भी कम हो जाएगा तथा वराह घाट चौक से पुष्कर सरोवर मे गंदा पानी पुष्कर सरोवर में नहीं जा सकेगा। इस पहले चरण में 3 करोड़ 80 लाख पूरे होंगे।
पुष्कर के छोटी बस्ती इलाके का सारा गंदा व बरसाती पानी पूरण कुण्ड नामक गंदे जलाशय से एकत्र होकर पुराने रंगनाथ मंदिर मार्ग से वराह घाट चौक होता हुआ पुष्कर सरोवर में गिरता है। इससे सरोवर का जल दूषित हो रहा है।
श्रद्धालुओं की भावना भी आहत हो रही है। पुरोहितों में इससे रोष है। गत 10 अक्टूबर 2017 को मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने मेला मैदान के मंच से इस समस्या का स्थाई निदान के लिए 4.10 करोड़ रुपए की योजना की घोषणा की थी। लेकिन यह योजना कानूनी दावपेचों में अटका कर छह माह तक ठंडे बस्ते में डाल दी गई।
पत्रिका ने जगाया था
27 मार्च को पत्रिका में लाल फीताशाही की भेट चढ़ी 4.10 करोड़ की घोषणा नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, पालिकाध्यक्ष कमल पाठक की नाराजगी के बाद स्वायत्त शासन निदेशालय से 27 मार्च की शाम तो योजना शुरू करने के आदेश आ गए। इस पर काम भी शुरू हो गया।
27 मार्च को पत्रिका में लाल फीताशाही की भेट चढ़ी 4.10 करोड़ की घोषणा नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, पालिकाध्यक्ष कमल पाठक की नाराजगी के बाद स्वायत्त शासन निदेशालय से 27 मार्च की शाम तो योजना शुरू करने के आदेश आ गए। इस पर काम भी शुरू हो गया।
योजना की 3.80 करोड़ की लागत से प्रथम चरण का काम शुरू कर दिया गया है।
ओमप्रकाश डींडवाल, अधिशासी अभियंता, नगर निगम, अजमेर
ओमप्रकाश डींडवाल, अधिशासी अभियंता, नगर निगम, अजमेर