अंजुमन सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने पत्र में लिखा है कि ख्वाजा साहब की दरगाह पिछले 850 सालों से हिन्दुस्तान में आस्था और कौमी एकता की प्रतीक है। यहां हर जाति, समाज, धर्म, सम्प्रदाय के लोग आते हैं और अपनी मन की मुरादों को पाते हैं। इसकी वजह से पिछले कई सालों से यह आस्था का केंद्र गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। इसकी मिसालें पूरे हिन्दुस्तान की सूफी खानकाहों और दरगाहों में देखने को मिलती है।
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अंगारा ने लिखा कि उनकी जानकारी में आया है कि नई दिल्ली की एक कथित महाराणा प्रताप सेना के राजवर्धन सिंह परमार ने एक पत्र भेजकर दरगाह में हिन्दू धर्म से संबंधित प्रतीक चिन्ह होने का दावा किया है। लेकिन हम दरगाह के जिम्मेदार होने के नाते इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हैं। यह सिर्फ और सिर्फ राजस्थान का माहौल खराब करने की एक कुरचित साजिश है। इससे पता चलता है कि पत्र लिखने वाला व्यक्ति इस मुद्दे से सस्ती लोकप्रियता पाना चाह रहा है। अंगारा ने लिखा है कि देश-प्रदेश के माहौल को देखते हुए ऐसे लोगों पर पाबंदी लगाई जाए ताकि भविष्य में किसी भी व्यक्ति की इस तरह की हिम्मत नहीं हो और राज्य में अमन-चैन कायम रहे।-वाहिद हुसैन अंगारा शाह, सचिव अंजुमन सैयदजादगान
दरगाह शरीफ गंगा-जमुनी तहजीब का केंद्र है। यह हिन्दुस्तान के सभी धर्म और सम्प्रदाय के लिए एक पवित्र व आस्था का स्थान है। इस तरह से दरगाह शरीफ को बदनाम करना बहुत बड़ी साजिश है। इसका मकसद सिर्फ झूठ और भ्रम फैलाना है। मैं इसकी भर्त्सना करते हुए सरकार से मांग करता हूं कि इस तरह की झूठी और भ्रामक खबरें फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
अमीन पठान, अध्यक्ष दरगाह कमेटी