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शवयात्रा मार्ग पर विवाद : महिला की अर्थी रास्ते में पड़ी रही, दो पक्ष लाठी-भाटा से लड़ते रहे

locationअजमेरPublished: Jul 05, 2020 12:26:36 am

Submitted by:

suresh bharti

जिले के बींजरवाड़ा गांव में दलित महिला की मौत के बाद शवयात्रा के मार्ग को लेकर उपजा विवाद,पहले तो मामली कहासुनी हुई,बाद में दोनों पक्षों में हुआ खूनी संघर्ष,पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे,विधायक सुरेश टांक की समझाइश पर महिला की अर्थी को पहुंचाया श्मशान घाट

शवयात्रा मार्ग पर विवाद : महिला की अर्थी रास्ते में पड़ी रही, दो पक्ष लाठी-भाटा से लड़ते रहे

बींजरवाड़ा में दोनों पक्षों से बातचीत कर शव का दाह संस्कार करने की समझाइश करती पुलिस।

ajmer अजमेर. जमीन-जायदाद के झगड़े बरसों से होते आए हैं। अब तो शिक्षा का विस्तार हो गया। विकास भी हुआ है। फिर भी ग्रामीण क्षेत्र में विवाद समाप्त नहीं हो रहे। कभी दलित दूल्हे की घोड़ी पर बिंदोरी का विरोध तो कभी शवयात्रा के मार्ग व दाह संस्कार के स्थान को लेकर झगड़े होते हैं।
जिले के बींजरवाड़ा गांव में शनिवार को ऐसा ही मामला सामने आया। यहां दलित समाज की एक महिला की मृत्यु के बाद शवयात्रा के रास्ते को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। पहले तो कहासुनी हुई। बाद में तकरार तेज हो गई। दोनों पक्षों के लोग गुत्थमगुत्था हो गए। थोड़ी देर में मामला लाठी भाटा जंग में बदल गया। इसमें दोनों पक्षों के लोगों के चोटें आई है।
खातेदारी जमीन बताकर उलझे

दलित समाज का कहना था कि रास्ता बरसों पुराना है। इसी रास्ते से शव यात्रा निकाली जाएगी। वहीं दूसरे पक्ष ने कहा कि खातेदारी भूमि से अर्थी को नहीं निकलने देंगे। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष अड़ गए। इस दौरान अर्थी बीच रास्ते पड़ी रही। जानकारी मिलने पर पुलिस उपाधीक्षक, अरांई थानाधिकारी, बोराड़ा थानाधिकारी, बांदरासिंदरी पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा। पुलिस ने रास्ता खुलवाया,लेकिन एक पक्ष अपनी बात पर अड़ा रहा।
शव नहीं उठाने पर अड़े

उधर, मृतका के परिजन ने शव के साथ बदसूलकी का आरोप लगा दिया। इस पर थानाधिकारी शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले आए। यहां शव का पोस्टमार्टम कराया गया। बाद में दलित समाज के लोगों ने मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शव उठाने से मना कर दिया।
विधायक सुरेश टांक भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। मृतका के परिजन से समझाइश की। बाद में परिजन शव को बींजरवाड़ा ले गए, जहां शनिवार देर शाम अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान पुलिस जाप्ता सहित प्रशासनिक अधिकारी मौके पर ही रहे।
शव के साथ बदसलूकी का आरोप

बींजरवाड़ा में बैरवा बस्ती निवासी आनी देवी पत्नी मांगू बैरवा (६५) की शनिवार को मृत्यु हो गई। परिजन व समाज के लोग शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे। तभी बींजरवाड़ा निवासी हेमराज चौधरी सहित अन्य लोगों ने शवयात्रा के मार्ग का विरोध किया। इस दौरान हेमराज पक्ष के करीब 15-20 लोगों ने लाठियों से हमला बोल दिया। इससे ओमप्रकाश, नन्दू देवी व बुद्धराज बैरवा के चोटें आई।
आरोप है कि हमलावरों ने शव के साथ भी बदसूलकी की। वहीं दूसरे पक्ष के किशनलाल जाट ने बताया कि बैरवा समाज के लोग उसकी खातेदारी भूमि से शव को ले जा रहे थे। मना करने पर विवाद करने लगे। इस दौरान धमकियां दी गई।
आबादी भूमि में निकला अवैध कब्जा

विवाद बढऩे पर तहसीलदार शीला चौधरी, सरपंच देवकरण डूक्या, ग्राम विकास अधिकारी बजरंग सिंह, दौलत सिंह, गिरदावर बजरंग लाल बैरवा सहित पटवारी मौके पर पहुंचे। यहां दलित समाज की शिकायत पर मौके पर ही विवादित रास्ता का सीमाज्ञान करवाया। गिरदावर बजरंग लाल ने बताया कि हेमराज की खातेदारी भूमि का सीमाज्ञान कर शेष आबादी भूमि को चिह्नित कर दिया गया। वहीं आबादी भूमि से आगे की तरफ कृषि भूमि पर सीमाज्ञान की कार्रवाई की गई।
खातेदारी तथा आबादी भूमि चिह्नित करने बाद दलित पक्ष के लोगों ने शव के साथ बदसलूकी का आरोप लगाकर शव उठाने से मना कर दिया। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। यहां विधायक टांक ने मृतका के परिजन से समझाइश कर अंतिम संस्कार करने को राजी किया।
विवाद बरसों पुराना

बैरवा बस्ती से बींजरवाड़ा में मुख्य रास्ते तक पहुंचने के लिए मार्ग को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। बैरवा बस्ती के लोग विवादित रास्ता को खुलवाने के लिए प्रयासरत थे। ओमप्रकाश बैरवा ने बताया कि यह रास्ता आबादी भूमि और राजस्व भूमि की सीमा पर है। इस पर कुछ लोगों ने बाड़ बनाकर, निर्माण कर अवैध रूप से अतिक्रमण कर रास्ता बंद कर दिया। आबादी भूमि और राजस्व भूमि का सीमाज्ञान नहीं होने के चलते रास्ता का विवाद बना हुआ है।
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