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विभिन्न देशों की महिलाओं ने की राजस्थान के इस शहर में शिरकत, दूर-दराज से सिखने आई ये खास गुर

locationअजमेरPublished: Sep 08, 2018 08:55:33 pm

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convocation ceremony organised in barefoot college

विभिन्न देशों की महिलाओं ने की राजस्थान के इस शहर में शिरकत, दूर-दराज से सिखने आई ये खास गुर

अजमेर/ तिलोनिया. किशनगढ़ के निकट स्थित तिलोनिया के बेयरफुट कॉलेज में आयोजित दीक्षांत समारोह में कई देशों के राजदूत शामिल हुए। समारोह में फिजी, युगांडा, अफगानिस्तान, तुर्की, म्यांमार, कोरिया, अर्जेंटीना, फिलीपीन्स, बोत्सवाना, मेडागास्कर सहित विभिन्न देशों की महिलाओं को प्रशिक्षण पूरा करने पर सम्मानित किया गया। समारोह में बेयरफुट कॉलेज इंटरनेशनल की निदेशक मेगन फ्लोएन को 2018 के हिलेरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान मेगन व न्यूजीलैंड की उच्चायुक्त ने माओरी भाषा मे गीत भी गाया। तिलोनिया के सीईओ बंकट रॉय ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
लिया प्रशिक्षण

विभिन देशों में घरेलू या अन्य कार्यों में व्यस्त या कॉलेज-विश्वविद्यालयों में पढऩे वाली महिलाओं ने तिलोनिया के बेयरफुट कॉलेज में उद्यमिता के गुर सीखे हैं। इनमें फिजी, युगांडा, अफगानिस्तान और अन्य देशों की महिलाओं (मामास) ने प्रशिक्षण लिया। बेयरफुट कॉलेज में उन्हें सौर पैनल, इलेक्ट्रिक सर्किट, सौर लाइट बनाना सिखाया गया। समारोह में न्यूजीलैंड की हाई कमिश्नर जोआना केम्पकर्स और अन्य देशों के राजनयिक भी मौजूद रहे। दीक्षान्त समारोह में मामास को प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए तकनीक के एलबम और स्मृति चिह्न भी दिए गए।
मामास ने कहा अनोखा अनुभव

इस दौरान महिलाओं ने कहा कि समूची दुनिया ऊर्जा संकट, ग्लोबल वार्मिंग, जैव विविधता पर मंडराते संकट से जूझ रही है। ऐसे में ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत को अपनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा दुनिया के अन्य देशों में भी महिलाओं का सशक्त होना जरूरी है। महिलाएं भी पुरुषों की तरह कंधे से कंधे मिलाकर चले। भारतीय गीत ‘हम होंगे कामयाब’ को जिंदगी में अपनाना जरुरी है। मामास ने कहा है कि सौर ऊर्जा और तकनीकी उपकरण बनाना सीखना वास्तव में अनोखा अनुभव है। दुनिया के हर देश में हम सौर प्रकाश फैला सकते हैं। भारत ने सौर ऊर्जा और उद्यमिता के क्षेत्र में काफ़ी काम किया है।

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