पुष्कर में खिलने वाला गुलाब टर्की, फ्रान्स व अरब देशों में निर्यात होने के साथ ही देश में महाराष्ट्र, बैंगलूरू, हैदराबाद व धूलिया में भी भेजा जाता है। इसी गुलाब से गुलकन्द, इत्र, सेन्ट, गुलाबजल बनाकर बेचा जाता है। लेकिन कोरोना को लेकर किए गए लॉकडाउन ने फूल उत्पादकों को रुला दिया है। खेतों में हजारों मन गुलाब खेतों में ही नष्ट हो रहा है। लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं आ रहे हैं तो गुलाब के खरीदार भी नहीं मिल रहे।
पूजा स्थलों से गुलाब की मालाएं घटी पुष्कर एवं आसपास के गांवों की सैकड़ों बीघा जमीन पर गुलाब की खेती की जाती है। पुष्कर का गुलाब मंदिरों के साथ अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर भी चढ़ाया जाता है। तीर्थनगरी के मंदिरों, पूजा स्थलों में मूर्तियों से गुलाब की मालाएं लगभग गायब हो गई हैं।
फैक्ट्री बंद, रुका काम
गुलाब फूल व्यवसाय के अध्यक्ष बांसेली निवासी हनुमान सिंगोदिया का कहना है कि पुष्कर क्षेत्र में रोजाना करीब पचास हजार किलो गुलाब उत्पादन होता है। लेकिन कोरोना में लॉकडाउन के कारण किसान बर्बाद हो गए हैं। सिंगोदिया ने बताया कि उनके यहां फैक्ट्री में गुलाब का अर्क, गुलाब जल बनाने का काम रोक दिया गया है।
कोई नहीं खरीदार
बूढ़ा पुष्कर स्थित चौहान कृषि फार्म के कैलाश चौहान ने बताया कि कोरोना के लॉकडाउन से हजारों मन गुलाब को खरीदने वाला नही है। इस बाबत सरकार व कृषि विभाग को अवगत करा दिया गया है।
चैत्र माह में वर्ष का पचास फीसदी उत्पादन
काश्तकार हनुमान सिंगोदिया ने बताया कि गुलाब की फसल वर्ष में तीन बार होती है। पूरे वर्ष मे करीब पन्द्रह करोड़ का कारोबार होता है। इसमें से चैत्र माह यानि हालिया माहों में पूरे वर्ष के उत्पादन का पचास प्रतिशत उत्पादन होता है। लेकिन कोरोना से हुए लॉकडाउन ने किसानों को बर्बाद कर दिया है।