विश्वविद्यालय स्नातक और स्नाताकोत्तर स्तर पर कला, वाणिज्य, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, विधि, प्रबंध अध्ययन और अन्य संकाय के एकीकृत सिलेबस तैयार करता है। सिलेबस के अनुरूप कॉलेज और विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की पढ़ाई एवं परीक्षा होती है। सिलेबस तैयार करने के लिए संकायवार पाठ्यचर्या समिति (बोर्ड ऑफ स्टडीज) बनती हैं। इसमें राज्य के विभिन्न कॉलेज और विश्वविद्यालयों के शिक्षक होते हैं।
यह भी पढ़ें
Corona warriors- कोरोना से जंग में मुक्तिधाम भी शामिल
कैसे होगी समितियों की बैठक!प्रतिवर्ष संकायवार सिलेबस तैयार करने के लिए विश्वविद्यालय पाठ्यचर्या समितियों की बैठक समय पर नहीं करा पाता है। सत्र की शुरुआत तक सिलेबस नहीं पहुंच पाते। इससे विद्यार्थी, शिक्षक परेशान होते हैं। नियमानुसार जून के अंत तक समितियों की बैठक बुलाकर सिलेबस तैयार कराने जरूरी हैं। कोरोना लॉकडाउन के चलते पाठ्यचर्या समितियों की बैठक होनी मुश्किल हैं। आगे भी स्थिति सामान्य होने पर ही फैसला लिया जाएगा। मालूम हो कि प्रशासन को जून में सिलेबस छपवाकर कॉलेज और विश्वविद्यालय में भेजने और ऑनलाइन उपलब्ध कराने हैं।
यह भी पढ़ें
#Corona effect- फैक्ट्री में काम करते मिले बिहार-बंगाल के 24 श्रमिक
वरना नए सत्र में बढ़ेंगी मुश्किलकॉलेज और विश्वविद्यालय में प्रवेश कार्य के बाद 1 जुलाई से नया सत्र प्रारंभ होने की उम्मीद है। कायदे से इसी दिन से सिलेबस के अनुसार नियमित पढ़ाई शुरू होती है। शिक्षक साल भी शैक्षिक योजना तैयार करते हैं। सिलेबस समय पर नहीं मिलने से शिक्षकों और विद्यार्थियों को परेशानी होगी। खासतौर कला, वाणिज्य, विज्ञान और अन्य संकाय में स्नातक तृतीय वर्ष के कई सिलेबस बदले जाने हैं।