कार्तिक शुक्ल एकादशी पर शहर और जिले में सावों की धूम रही। सुबह से बैंड-बाजे और शहनाई की धुनें गूंजी। लोगों ने सीमित मेहमानों के साथ दूल्हों की बिंदौरी निकाली। बारात में भी गिने-चुने लोग शामिल हुए। कोरोना संक्रमण के चलते कई लोगों ने दोपहर में पाणिग्रहण संपन्न कराए। हालांकि मुर्हूत के अनुसार गोधूलि वेला और अद्र्ध रात्रि के फेरे भी हुए। शादी में सोशल डिस्टेंसिंग कई जगह नजर आई। स्टेज पर गिने-चुने मेहमान और दोस्त डांस करते दिखे।
बसों का टोटा, यात्री हुए परेशान
बड़ी संख्या में शादियां होने से यहां बस स्टैण्ड पर यात्रियों के लिए बसों का टोटा पड़ गया। दोपहर बाद निजी बस स्टैण्ड पर एकाध बसें ही नजर आईं। यात्रियों को गंतव्य तक जाने के लिए जीप आदि का सहारा लेना पड़ा। वहीं रोडवेज की भी करीब 33 बसों की बारातों के लिए बुकिंग होने से रोडवेज बसों की भी भी कमी रही। यात्रियों को बसों का इंतजार करना पड़ा। हालांकि रोडवेज कार्मिकों का कहना था कि यात्रीभार के अनुसार बसें उपलब्ध रही। बसों-कार-जीप से पहुंचे बारातीकरौली में 80-90 निजी बसों में से अधिकांश बसों पर बारातों की बुकिंग थी।
बड़ी संख्या में शादियां होने से यहां बस स्टैण्ड पर यात्रियों के लिए बसों का टोटा पड़ गया। दोपहर बाद निजी बस स्टैण्ड पर एकाध बसें ही नजर आईं। यात्रियों को गंतव्य तक जाने के लिए जीप आदि का सहारा लेना पड़ा। वहीं रोडवेज की भी करीब 33 बसों की बारातों के लिए बुकिंग होने से रोडवेज बसों की भी भी कमी रही। यात्रियों को बसों का इंतजार करना पड़ा। हालांकि रोडवेज कार्मिकों का कहना था कि यात्रीभार के अनुसार बसें उपलब्ध रही। बसों-कार-जीप से पहुंचे बारातीकरौली में 80-90 निजी बसों में से अधिकांश बसों पर बारातों की बुकिंग थी।