पुष्कर के बाजार में भीड़ रहती थी। रेतीले धोरों पर कैमल सफारी का लुत्फ उठाते लोग गायब हैं। इन दिनों विवाह समारोह का सीजन होने से होटलों में चहल-पहल जरूर है,लेकिन यहां भी मेहमानों की सीमित संख्या तय होने व पुलिस की सख्ती के चलते शादी की औपचटारिकताएं बरती जा रही है।
आयोजन में रस्म अदायगी पुष्कर में धार्मिक मेले की सिर्फ रस्म अदायगी हो रही है। गुरुवार शाम सरोवर के वराह घाट पर मंत्रोच्चार के साथ महाआरती की गई। धार्मिक पुष्कर मेले का दूसरा पंचतीर्थ महास्नान हुआ। इस दौरान कई श्रद्धालुओं ने सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई। संगीतमय महाआरती में कोराना गाइडलाइन की पालना करते हुए श्रद्धालुओं ने जगतपिता ब्रह्मा के सतयुगी पुष्कर तीर्थ को नमन किया। पंडित रवि शर्मा के सान्निध्य में श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए महाआरती में भाग लिया।
दूसरे दिन भी सूने रहे घाट धार्मिक पुष्कर मेले के दूसरे दिन कार्तिक मास की द्वादशी तिथि गुरुवार को भी पुष्कर सरोवर के घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। इक्के दुक्के स्नानार्थियों के अलावा कोई नजर नहीं आया। सरोवर के घाटों पर कबूतर और बंदरों के झुंड जरूर देखे जा रहे हैं। कोरोना का इतना भय है कि श्रद्धालु पुष्कर आने की हिम्मत नहीं कर पा रहे। केवल पंडित-पुरोहित दिखते हैं। वह भी कोरोना से आशंकित हैं।
प्रशासन ने ली राहत की सांस पुष्कर में हर साल इन दिनों पुरोहितों को फुर्सत नहीं मिलती थी। यजमानों से पूजा कराने सहित अन्य धार्मिक आयोजन में उन्हें अच्छी दक्षिणा (आय) होती थी। इस बार आमदनी नहीं होने से पुरोहितों में निराशा छाई हुई है। कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार पुष्कर का धार्मिक मेला पूरी तरह से फेल हो गया है। ज्यादा भीड़ नहीं जुटने से प्रशासन ने जरूर राहत की सांस ली है। हालांकि घाटों व मंदिरों में पर्याप्त पुलिस जाप्ता लगाया गया है। वैसे भी दर्शनार्थियों की संख्या नगण्य सी रही।