अजमेर जिले की आबादी करीब 25.83 लाख है। आम लोग, व्यापारी, हलवाई सहित अन्य कारोबारी रोजमर्रा की वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं। इनमें खाद्य तेल, दलहन, मसाले, अनाज-धान, साबुन-सर्फ, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ और अन्य वस्तुएं शामिल हैं। 22 मार्च को जनता कफ्र्यू और इसके बाद 25 मार्च से शुरु हुए लॉकडाउन से रोजमर्रा की वस्तुओं पर असर पडऩे लगा है।
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लॉकडाउन के चलते पड़ाव स्थित होलसेल व्यापारियों, कृषि उपज मंडी ब्यावर रोड तथा शहर के विभिन्न छोटे-मझौले दुकानदारों, बड़े मार्ट में जरूरी वस्तुएं आसानी से नहीं पहुंच रहीं हैं। यह सामान ट्रकों, कंटेनर, जीप, लोडिंग टेम्पो और अन्य माध्यमों से पहुंचता है। बाजारों में कई दुकानों में खाद्य तेल, दालें और मसालों की कमी हो चुकी है।
लॉकडाउन के चलते पड़ाव स्थित होलसेल व्यापारियों, कृषि उपज मंडी ब्यावर रोड तथा शहर के विभिन्न छोटे-मझौले दुकानदारों, बड़े मार्ट में जरूरी वस्तुएं आसानी से नहीं पहुंच रहीं हैं। यह सामान ट्रकों, कंटेनर, जीप, लोडिंग टेम्पो और अन्य माध्यमों से पहुंचता है। बाजारों में कई दुकानों में खाद्य तेल, दालें और मसालों की कमी हो चुकी है।
मलेशिया-ब्राजील से आता है पाम ऑयल
भारत मुख्यत: मलेशिया और ब्राजील से पाम ऑयल आयात करता है। इससे खाद्य तेल तैयार होता है। इन दोनों देशों में लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते उत्पादन प्रभावित है। लिहाजा भारत में भी पाम ऑयल कम पहुंच रहा है।
भारत मुख्यत: मलेशिया और ब्राजील से पाम ऑयल आयात करता है। इससे खाद्य तेल तैयार होता है। इन दोनों देशों में लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते उत्पादन प्रभावित है। लिहाजा भारत में भी पाम ऑयल कम पहुंच रहा है।
Read more: कोरोना संकट : तंगी हाथ को सरकारी मदद का सहारा दक्षिण भारत से आते हैं मसाले
देश में मसालों का ज्यादातर उत्पादन दक्षिण भारत में होता है। इनमें केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल है। कालीमिर्च, तेजपत्र, लौंग, कलौंजी, अजवाइन, राई, बड़ी इलायची, गर्म मसाला, जायफल और अन्य मसाले देश भर में रेल, ट्रक-कंटेनर में भेजे जाते हैं। लॉकडाउन के कारण बीती मार्च से माल लदे ट्रक-कंटेनर हाइवे पर खड़े हैं।
देश में मसालों का ज्यादातर उत्पादन दक्षिण भारत में होता है। इनमें केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल है। कालीमिर्च, तेजपत्र, लौंग, कलौंजी, अजवाइन, राई, बड़ी इलायची, गर्म मसाला, जायफल और अन्य मसाले देश भर में रेल, ट्रक-कंटेनर में भेजे जाते हैं। लॉकडाउन के कारण बीती मार्च से माल लदे ट्रक-कंटेनर हाइवे पर खड़े हैं।
दुकानों पर इन वस्तुओं की कमी
-मूंगफली, करडी और सनफ्लावर ऑयल
-मूंग, मसूर, चना, अरहर और अन्य दाल
-बेकरी और कंपनियों के बिस्किट
– नमकीन-साबुन-सर्फ, हेयर ऑयल और जरूरी वस्तुएं
-पिसे हुए आटे के कट्टे
-विभिन्न तरह से खुले मसाले और इनके पैकेट
-मूंगफली, करडी और सनफ्लावर ऑयल
-मूंग, मसूर, चना, अरहर और अन्य दाल
-बेकरी और कंपनियों के बिस्किट
– नमकीन-साबुन-सर्फ, हेयर ऑयल और जरूरी वस्तुएं
-पिसे हुए आटे के कट्टे
-विभिन्न तरह से खुले मसाले और इनके पैकेट
लॉकडाउन की स्थिति से सभी वाकिफ हैं। ट्रांसपोर्ट के कारण कई जगह माल अटका है। फिर भी जितना सामान उपलब्ध है उसे रिटेलर्स तक पहुंचाया जा रहा है।
अरुण शारदा, पड़ाव
होलसेल और रिटेल दुकानों तक सामान आसानी से नहीं पहुंच रहा। बाजार में कई दुकानों पर सामान उपलब्ध नहीं है। संदीप खंडेलवाल, देहली गेट