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Corona Effect: ना प्रोविजनल सर्टिफिकेट ना डुप्लीकेट मार्कशीट

locationअजमेरPublished: Apr 17, 2020 09:21:09 am

Submitted by:

raktim tiwari

शैक्षिक संस्थानों को लगा लाखों का फटका।

revenue loss for institutions

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अजमेर.

कोरोना लॉकडाउन के चलते सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को पढ़ाई और राजस्व का नुकसान हो रहा है। डुप्लीकेट मार्कशीट, प्रोविजल सर्टिफिकेट-डिग्री बनने का काम ठप है। पिछले 22 दिन में संस्थाओं को लाखों रुपए की चपत लग चुकी है।
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सीबीएसई
अजमेर के क्षेत्रीय कार्यालय में राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, दादर नागर हवेली के विद्यार्थी डुप्लीकेट मार्कशीट, सर्टिफिकेट, कॉपियों की फोटो प्रति और त्रुटियां सुधार के लिए आवेदन करते हैैं। रोजाना यहां 25 से 50 हजार रुपए की आय होती है। पिछले 22 दिन से यहां राजस्व का नुकसान हो रहा है।
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राजस्थान मााध्यमिक शिक्षा बोर्ड
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जयपुर रोड मुख्यालय और राज्य के विद्यार्थी सेवा केंद्रों पर दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थी जाते हैं। यह डुप्लीकेट मार्कशीट, सर्टिफिकेट, संवीक्षा आवेदन, कॉपियों की प्रतिलिपि लेने के आवेदन करते हैं। इनके अलावा स्कूल सम्बद्धता शुल्क जमा कराते है। बोर्ड को प्रतिमाह 2.5 से 5 लाख रुपए की आय होती है।
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मदस विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक और नागौर जिले के 3.50 लाख विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराता है। प्रतिवर्ष यहां जुलाई से सितंबर में प्रवेश कार्य के दौरान 350 से 500 अंकतालिका, सर्टिफिकेट, डिग्री बनती हैं। अन्य महीनों में यह संख्या 100-150 प्रतिदिन रहती है। अमूमन 10 हजार से 20 हजार रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
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बिजली के बिल माफ करने की मांग

अजमेर शहर जिला महिला कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दो महीने के बिजली के बिल माफ करने की मांग की है। अध्यक्ष सबा खान ने पत्र में बताया कि कोरोना महामारी के संकट को लेकर पिछले 22 दिन से देश में लॉक डाउन है। यह ३ मई तक जारी रहेगा। इस दौरान छोटे, मध्यम और बड़े उद्योग ठप हैं।
 

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