Corona Impact: कोरोना का टेक्निकल एज्यूकेशन पर अटैक, हुआ ये हाल
इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं भर रहीं सीट। तकनीकी शिक्षा विभाग को तीसरी बार बढ़ानी पड़ी तिथि।
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
कोरोना संक्रमण ने राज्य की तकनीकी शिक्षा पर अटैक किया है। इंजीनियरिंग कॉलेज में सीटें नहीं भर रहीं। हालात तब हैं जबकि सत्र के छह महीने बीत चुके हैं। तकनीकी शिक्षा विभाग को प्रथम वर्ष में दाखिलों के लिए तीसरी बार तिथि बढ़ानी पड़ी है।
देश में आईआईटी में दाखिलों के लिए जेईई एडवांस, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और राज्यों के इंजीनियरिंग कालेज में प्रवेश के लिए जेईई मेन परीक्षा हुई हैं। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय और बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध लगभग 80 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीई/बीटेक की 12 हजार से अधिक रिक्त सीटों पर बीते अक्टूबर से सीधे प्रवेश जारी हैं। फिर भी सीटें पूरी नहीं भर पाई हैं। राज्य के सरकारी एवं प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में 55 से 60 प्रतिशत बीटेक सीटों पर प्रवेश हुए हैं।
11 सरकारी कॉलेज के हाल
अजमेर में बड़ल्या इंजीनियरिंग कॉलेज, महिला इंजीनियरिंग कॉलेज माखुपुरा, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, भरतपुर, बीकानेर, दौसा सहित अन्य कॉलेज हैं। सरकारी कालेज में बड़ल्या इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रथम वर्ष की 451 सीट भरी हैं। यहां 98 सीट खाली हैं। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 सीट भरी हैं। बीकानेर कॉलेज की 750 सीट में से 425 पर प्रवेश हुए हैं।
कोरोना का असर, पेरेंट्स नहीं तैयार
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर, कोटा, मुंबई जैसे कई शहर हॉट स्पॉट बने हुए हैं। आईआईटी, एनआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेज में ऑफलाइन क्लास चल रही हैं। जिन विद्यार्थियों ने इस साल बारहवीं उत्तीर्ण की है, उनके अभिभावक ज्यादा जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। कई विद्यार्थियों ने अच्छे संस्थान में चयन नहीं होने से ड्रॉप किया है। वे साल 2021 की जेईई मेन-जेईई एडवांस की तैयारी में जुटे हैं।
यूं बढ़ानी पड़ी तिथि
-18 अक्टूबर से 11 नवंबर
-30 नवंबर से 5 दिसंबर
-5 दिसंबर से 31 दिसंबर
55 से 60 प्रतिशत सीटों पर हुए प्रवेश
रीप-2020 के कोर्डिनेटर संदीप कुमार की मानें तो राज्य के सभी सरकारी एवं प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में 55 से 60 प्रतिशत बीटेक सीटों पर प्रवेश दिए जा चुके हैं। कोरोना संक्रमण के कारण एआईसीटीई के दिशा-निर्देश पर राज्य के विद्यार्थियों को उच्च तकनीकी संस्थानों में स्पॉट राउंड के माध्यम से प्रवेश लेने का अवसर दिया गया है।
2016 में थी सबसे बुरी स्थिति
साल 2016 में पॉलीटेक्निक सहित इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिलों के हाल सबसे बुरे थे। पूरे राज्य में अगस्त के पहले पखवाड़े तक 82 हजार से ज्यादा सीट रिक्त थी। इंजीनियरिंग कॉलेज में तो केंद्रीयकृत व्यवस्था के बावजूद दाखिलों में विद्यार्थियों ने खास रुझान नहीं दिखाया था।
यूं दिए जाते हैं सीधे प्रवेश...
इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक, आईआईटी, एनआईटी संस्थान प्रतिवर्ष सीट खाली होने पर सूचना/विज्ञापन जारी कर विद्यार्थियों को सीधे प्रवेश देते हैं। इसमें प्रवेश परीक्षाओं के अलावा उनके बारहवीं के अंकों-वरीयता जैसे पैमाने होते हैं।
बीई/बी.टेक में सीधे प्रवेश जारी हैं। कोरोना संक्रमण का दाखिलों पर असर दिख रहा है। रिक्त सीट भरने का प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. उमाशंकर मोदानी, प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज
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