राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े विश्वविद्यालय और कॉलेज शिक्षक सीएम कोविड वैक्सीनेशन फंड में राशि जमा कराने में जुटे हैं। उन्होंने बैंक खाता भी खुलवाया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री सहायता कोष में वेतन भी जमा कराया है। इसी तरह राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है। महामंत्री डॉ. सुशील बिस्सू के अनुसार इस राशि से आवश्यक चिकित्सा उपकरण खरीदने में मदद मिलेगी।
विवि भी करेगा सहायता
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय भी कोरोना संक्रमण में आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए सरकार और जिला प्रशासन को वित्तीय सहयोग करेगा। कुलपति ओम थानवी के स्तर पर इसकी योजना बनाई जा रही है। इससे जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में उपकरण और अन्य संसाधन जुटाए जा सकेंगे।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय भी कोरोना संक्रमण में आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए सरकार और जिला प्रशासन को वित्तीय सहयोग करेगा। कुलपति ओम थानवी के स्तर पर इसकी योजना बनाई जा रही है। इससे जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में उपकरण और अन्य संसाधन जुटाए जा सकेंगे।
इन्हें तुरन्त चाहिए ऑक्सीजन, वरना हालात हो जाएंगे खराब अजमेर. शहरी और ग्रामीण इलाकों के उपयोगी तालाबों-नाडियों के हाल खराब हैं। महज 15-20 साल पहले इनमें पर्याप्त पानी की आवक होती थी। लेकिन एक बूंद पानी नहीं पहुंचता। अतिक्रमण और पानी आवक के मार्गों में रुकावट सबसे बड़ी बाधा है। यही हाल रहे तो इनका अस्तित खत्म हो जाएगा।
बीर तालाब बना मैदान
ब्रिटिशकाल में 18 वीं शताब्दी में निर्मित बीर तालाब कभी पिकनिक स्पॉट था। यहां साल भर पानी रहता। लेकिन 15 साल से खाली है। अवैध अतिक्रमण और पानी आवक के मार्गों में रुकावट से तालाब बर्बाद हो गया है। जबकि इसकी भराव क्षमता 30 फीट (117.12 एमसीएफटी) है। मौजूदा वक्त इसमें पानी नहीं (डेड स्टोरेज) है।
ब्रिटिशकाल में 18 वीं शताब्दी में निर्मित बीर तालाब कभी पिकनिक स्पॉट था। यहां साल भर पानी रहता। लेकिन 15 साल से खाली है। अवैध अतिक्रमण और पानी आवक के मार्गों में रुकावट से तालाब बर्बाद हो गया है। जबकि इसकी भराव क्षमता 30 फीट (117.12 एमसीएफटी) है। मौजूदा वक्त इसमें पानी नहीं (डेड स्टोरेज) है।