अजमेर

Corona impact: कॉलोनियों-मोहल्लों में हुआ दशानन के छोटे पुतलों का दहन

प्रतीकात्मक युद्ध और अन्य दृश्यों का मंचन होता है। इसके बाद रावण सहित दोनों पुतलों का दहन होता है। भव्य आतिशबाजी होती है।

अजमेरOct 25, 2020 / 06:57 pm

raktim tiwari

vijyadashami festival

अजमेर.
अग्रवाल पंचायत ने परम्परा निभाने की गरज से सोशल डिस्टेंसिंग से छोटा समारोह आयोजित किया। शहरवासियों ने परम्परा बरकरार रखते हुए केसरगंज रावण की बगीची में रावण के छोटे पुतले का दहन किया। कई कॉलोनियों में भी रावण दहन कर आतिशबाजी की गई।कोरोना संक्रमण और सार्वजनिक समारोह-उत्सवों पर रोक लगने से यह स्थिति बनी है।
नगर निगम के तत्वावधान में अजमेर में प्रतिवर्ष पटेल मैदान में विजयदशमी पर्व मनाया जाता है। इसमें 65 से 70 फीट के रावण और 45 से 50 फीट के कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाकर उनका दहन किया जाता है। इस दौरान आम लोगों की जबरदस्त भीड़ जुटती है। लंका दहन, राम-रावण का प्रतीकात्मक युद्ध और अन्य दृश्यों का मंचन होता है। इसके बाद रावण सहित दोनों पुतलों का दहन होता है। भव्य आतिशबाजी होती है।
कोरोना ने लगाई रोक
इस साल कोरोना संक्रमण ने पर्वों-त्यौंहारों और कार्यक्रमों को फीका कर दिया है। विजयदशमी पर्व भी इसमें शामिल है। सार्वजनिक कार्यक्रमों-समारोह और उत्सवों पर रोक के चलते दशहरा उत्सव नहीं मनाया जा रहा है। जिले में ब्यावर, किशनगढ़, केकड़ी, नसीराबाद, पुष्कर और अन्य इलाकों में भी रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण के पुतलों का दहन नहीं किया जा रहा है। अलबत्ता कॉलोनियों में क्षेत्रवासी और बच्चे छोटे पुतलों का दहन जरूर कर रहे हैं।
नवमी का हुआ पूजन
शारदीय नवरात्र में रविवार को भी सुबह 9.31 तक नवमी तिथि रहने लोगों ने पूजन किया। कन्याओं को भोजन कराया। श्रद्धानुसार उपहार भेंट किए। शहर के चामुंडा मंदिर, मेहन्दीपुर बालाजी, नौसर घाटी स्थित नौसर माता, मेहन्दी खोला माता मंदिर, बजरंगढ़ स्थित अम्बे माता और अन्य मंदिरों में भी नवमी का पूजन किया गया। सुबह 9.31 बजे बाद दशमी तिथि प्रारंभ हुई।
इस साल कम हुई है बरसात, दिखेगा 2021 में असर

अजमेर. अजमेर जिले में साल 2020 में मानसून मेहरबान नहीं रहा है। जिला औसत बरसात के 550 मिलीमीटर आंकड़े से दूर रहा। कई तालाब-बांध खाली पड़े हैं। साल 2021 में इसका असर देखने को मिलेगा।
स्काईमेट, मौसम विभाग सहित कई संस्थाओं ने इस साल 92 से 94 प्रतिशत तक बरसात की भविष्यवाणी की थी। लेकिन अजमेर जिले में मानसून जमकर नहीं बरसा। इस बार 1 जून से 30 सितंबर तक अजमेर शहर सहित जिले के किसी हिस्से में ताबड़तोड़ बरसात या बाढ़ जैसे हालात नहीं बने।
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