कार्तिक शुक्ल एकादशी यानि बुधवार से बैंड-बाजे और शहनाई गूंजेगी। शहर और जिले में कई युवक-युवतियां फेरे लेकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश करेंगे। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते शादियों का जश्न फीका रहेगा। लोग नाचते-गाते बारात नहीं निकाल सकेंगे। मेहमानों की संख्या भी 100 तक रखनी होगी। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करनी होगी
कर्तिक शुक्ल एकादशी यानि देवऊठनी ग्यारस से शहर और जिले में शादियों-समारोह की शुरूआत होगी। शुभ मुर्हूत में वैवाहिक कार्यक्रम, नए भवनों-प्रतिष्ठानों में प्रवेश और अन्य समारोह होंगे। कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार ने कई एडवाइजरी जारी की है। विशेषतौर पर शादी-समारोह में मात्र 100 मेहमान बुलाए जा सकते हैं। इसमें सोशल डिस्टेसिंग और मास्क पहनने की अनिवार्यता शामिल है। जिला प्रशासन और पुलिस शादी-समारोह पर निगरानी रखेगी। तय सीमा से अधिक मेहमान दिखने पर वीडियोग्राफी होगी। आयोजक और आयोजन स्थल संचालक के खिलाफ नियमाुसार कार्रवाई की जाएगी।
सेनेटाइजेशन का रखना होगा ध्यान
शादियों-समारोह में आयोजन स्थल पर सेनेटाइजेशन का ध्यान रखना होगा। प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर का इंतजाम करना होगा। समारोह स्थल पर लोग बगैर मास्क लगाए प्रवेश नहीं कर सकेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी विशेष ध्यान रखना होगा। रात्रिकालीन कफ्र्यू के चलते लोगों को निमंत्रण पत्र साथ रखना होगा।
शादियों-समारोह में आयोजन स्थल पर सेनेटाइजेशन का ध्यान रखना होगा। प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर का इंतजाम करना होगा। समारोह स्थल पर लोग बगैर मास्क लगाए प्रवेश नहीं कर सकेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी विशेष ध्यान रखना होगा। रात्रिकालीन कफ्र्यू के चलते लोगों को निमंत्रण पत्र साथ रखना होगा।
लॉकडाउन में हुआ था नुकसान कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते मार्च से मई के दौरान अजमेर जिले में कई मांगलिक कार्यक्रम स्थगित हो गए थे। अजमेर शहर और जिले में 150 रजिस्टर्ड हलवाई-कैटरर्स, 300 बैंडवादक, घोड़ी वाले,150 टेंट व्यवसायी के ऑर्डर रद्द हो गए थे। इससे 1.25 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ था। साथ ही 350 समारोह स्थल, 100 से ज्यादा होटल पर 1 हजार से ज्यादा सगाई, शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, शादी की सालगिरह के मुर्हूत नहीं हुए थे। संचालकों को 1.10 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ था।