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राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं मार्च के शुरुआत और सीबीएसई की दसवीं-बारहवीं परीक्षाएं फरवरी से शुरू हुई थी। इसी तरह प्रदेश में अजमेर सहित जयपुर जोधपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा, बीकानेर और अन्य विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर विषयों की सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षाएं जारी थीं। इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के चलते संस्थाओं को 31 मार्च तक परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 14 अप्रेल तक समूचे देश को लॉकडाउन घोषित किया है। यह भी पढ़ें
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परीक्षाओं से परिणाम तक देरीसीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं 14 अप्रेल तक लॉकडाउन हो गई हैं। पूर्व निर्धारित टाइम टेबल के मुताबिक सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड की परीक्षाएं तो अप्रेल में खत्म हो रही थीं। इसके बाद दोनों संस्थान मई में परिणाम जारी करने वाले थे। लेकिन अब परीक्षा और परिणाम में विलंब होगा। विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं भी मई-जून अथवा जुलाई-अगस्त तक चलने के आसार हैं।
जेईई मेन द्वितीय चरण स्थगित
पूर्व में जेईई मेन द्वितीय चरण की परीक्षा 5 से 11 अप्रेल तक होनी थीं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन्हें स्थगित कर दिया है। अब इस परीक्षा और परिणाम में भी देरी होगी। मालूम हो कि जेईई मेन प्रथम चरण की परीक्षा 6 से 9 जनवरी तक हुई थी।
पूर्व में जेईई मेन द्वितीय चरण की परीक्षा 5 से 11 अप्रेल तक होनी थीं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन्हें स्थगित कर दिया है। अब इस परीक्षा और परिणाम में भी देरी होगी। मालूम हो कि जेईई मेन प्रथम चरण की परीक्षा 6 से 9 जनवरी तक हुई थी।
परीक्षाओं से पड़ेगा सत्र पर असर
परीक्षा में जितना विलंब होगा, कॉपियों की जांच और परिणाम में देरी होगी। इन सबका असर सत्र 2020-21 पर होगा। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में औसत अंक तभी मिलते हैं, जबकि कॉपी बाढ़, आगजनी या किसी आपदा में नष्ट हो गई हो। हालांकि कोरोना भी महामारी के रूप में आपदा है। स्थिति सामान्य होने पर परीक्षाएं चाहें तो जुलाई-अगस्त भी कराई जा सकती हैं।
डॉ. जगराम मीणा, पूर्व परीक्षा नियंत्रक मदस विश्वविद्यालय
परीक्षा में जितना विलंब होगा, कॉपियों की जांच और परिणाम में देरी होगी। इन सबका असर सत्र 2020-21 पर होगा। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में औसत अंक तभी मिलते हैं, जबकि कॉपी बाढ़, आगजनी या किसी आपदा में नष्ट हो गई हो। हालांकि कोरोना भी महामारी के रूप में आपदा है। स्थिति सामान्य होने पर परीक्षाएं चाहें तो जुलाई-अगस्त भी कराई जा सकती हैं।
डॉ. जगराम मीणा, पूर्व परीक्षा नियंत्रक मदस विश्वविद्यालय