यह हो रहे प्रमुख कार्य गर्मी आने के साथ ही आगामी बारिश के मौसम को देखते हुए जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। किसी पंचायत समिति में चैक डेम बनवाया जा रहा है तो किसी में पानी भरने के लिए चौकड़ी खोदी जा रही है। वहीं सिंचाई विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा वन विभाग की ओर से भी पौधरोपण, तालाब, ग्रेवल सड़क निर्माण कार्य भी कराए जा रहे है। इससे ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध होना शुरू हो गया था।
कोरोना गाइड लाइन का पालन
मनरेगा कार्य स्थलों पर कोरोना गाइड लाइन का भी ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए पंचायत के कार्मिक भामाशाह व स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से मास्क, सैनिटाइजर, साबुन आदि उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करने को कहा गया है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए भी कार्मिकों को जिम्मेदारी सौंप रखी है।
यह है स्थिति जिले में पांच ब्लॉक में कुल १९१ ग्राम पंचायतें हैं। जिले में बाड़ी, बसेड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा तथा सैंपऊ ब्लॉक है। इनमें सबसे अधिक पंचायत बसेड़ी में ५० पंचायतों में से ४६ में, सैंपऊ में ३९ में से ३०, बाड़ी में ३५ में से ३३ धौलपुर में ३५ में से ३५ तथा राजाखेड़ा मेंं ३२ में से ३५ पंचायतों में पंचायतों में कार्य चल रहे हैं। कुल १७६ ग्राम पंचायतों में कार्य शुरू हो गए हैं। इनमें ६४५ मस्टररोल पर ८१७७ श्रमिक कार्य कर रहे हैं।
ब्लॉक वार श्रमिकों की स्थिति
ब्लॉक श्रमिक (२ जून) श्रमिक (३ जून) बाड़ी १२८७ १२३८ बसेड़ी २०५३ २१०३ धौलपुर १२९२ १५५३ राजाखेड़ा २०५५ २०७८ सैंपऊ १०२८ १२०५ कुल ७७१५ ८१७७
इनका कहना है
जिले में वैसे तो २४ मई से कार्य शुरू हो गए थे, लेकिन श्रमिक नहीं आ रहे थे। वैसे भी अधूरा पखवाड़ा था, लेकिन एक जून से शुरू हुए पखवाड़े में श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि पंचायतों में अधिकाधिक कार्य स्वीकृत कर श्रमिकों को नियोजित किया जाए, जिससे उनको समय पर रोजगार मिल सके। जिले में तीन जून तक ८१७७ श्रमिक कार्यरत है। कार्यों पर कोरोना गाइड लाइन का भी पूरी तरह ध्यान रखा जा रहा है। अधिकांश कार्य जलंसरक्षण की दृष्टि से किए जा रहे हैं।
चेतन चौहान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, धौलपुर।