प्रदेश के जेलों की यह स्थिति एक रिपोर्ट में सामने आई है। इसके अनुसार प्रदेश की जेलों में 5 साल पहले जहां विचाराधीन बंदी करीब 14000 थे। वहीं दंडित कैदियों की संख्या 6000 थी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक विचाराधीन बंदी अब करीब 18000 हैं जबकि दंडित कैदियों की संख्या 5000 है।
समिति में समीक्षा विचाराधीन बंदियों के मामले की समीक्षा के लिए प्रत्येक जिले में एक समिति गठित होती है। इसके अध्यक्ष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट का प्रतिनिधि, पुलिस अधीक्षक का प्रतिनिधि, जिला परिवीक्षा अधिकारी, सहायक निदेशक अभियोजन, प्रभार अधिकारी सदस्य और जेल सदस्य सचिव होते हैं। लंबे समय से विचाराधीन रहते हुए जेल में बंद कैदियों के प्रकरणों की समीक्षा की जाती है। साथ ही निस्तारण के लिए सुझाव भी दिए जाते हैं। अधिकतम सजा के आधे भाग के बराबर विचाराधीन बंदी के प्रकरण पर विचार कर निर्णय किया जाता है।
पैरोल पर कम बाहर आए वर्ष पैरोल स्थाई पैरोल पर रिहा 2019 1846 2032020 1609 147 2021 1410 143 समिति की समीक्षा में भी निस्तारण कम वर्ष बैठकें प्रकरण निस्तारित प्रकरण
2019 342 53161 8462020 266 48162 279 2021 319 59572 333 वर्ष बंदी क्षमता कुल बंदी विचाराधीन दंडित 2017 21879 19724 14126 5544 2018 21892 20134 14509 5606 2019 22921 21597 15378 6187
2020 22907 22063 16930 5131 2021 22897 22938 17954 4962 अदालत ने खारिज की अपील अजमेर. चेक अनादरण के एक मामले में बुधवार को सजा बहाल रखने का फैसला सुनने के बाद अभियुक्त अदालत से बिना बताए निकल गया। अदालत ने उसके गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। चेक अनादरण मामलात अदालत के न्यायाधीश ने अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत अपील खारिज करते हुए निचली अदालत के सजा व जुर्माने के फैसले को यथावत रखा है।