नहीं देखी स्कूल की दहलीज इस साल सीबीएसी स्कूलों की प्री-प्राइमरी कक्षाओं के नवप्रविष्ट बच्चों ने स्कूल की शक्ल भी नहीं देखी है। यही हाल चौथी, छठी, नवीं कक्षाओं का है। अजमेर के मिशनरी, पब्लिक स्कूल ने जनवरी से मार्च तक प्री-प्राइमरी में प्रवेश दिए थे लेकिन कक्षाएं नहीं लग सकी हैं। सीबीएसई की दसवीं की परीक्षाएं रद्द होने व प्रमोट फार्मूले से 20 जून को परिणाम जारी होने के बाद ही ग्यारहवीं कक्षा में दाखिले होंगे।
पेरेंट्स बदले रहे प्लान कोरोना संक्रमण के चलते नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी में बच्चों के दाखिले कराने वाले कई पेरेंट्स प्लान बदलने में जुटे हैं। महामारी को देखते हुए वे बच्चों को स्थिति सामान्य होने तक स्कूल नहीं भेजना चाहते। राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में भी फिलहाल प्रवेश नहीं हुए हैं।
अजमेर शहर में सीबीएसई स्कूल में इतने नव प्रवेश नर्सरी, एलकेजी-यूकेजी: 8 से 10 हजार चौथी, छठी, नवीं-ग्यारहवीं: 650 से 1000 सरकारी स्कूल में प्रवेश-25 से 30 हजार
(पहली से बारहवीं तक)
स्कूल के सामने हैं चुनौतियां -प्री-प्राइमरी के बच्चों को कई पेरेंट्स नहीं भेजेंगे स्कूल -दसवीं के विद्यार्थी परिणाम के बाद लेंगे दूसरे स्कूल में दाखिले -कक्षाओं में 45 से 70 विद्यार्थियों के कारण बनाने पड़ेंगे अतिरिक्त सेक्शन
-विद्यार्थियों का ऑनलाइन प्रवेश टेस्ट लेना मुश्किल -नए प्रवेश देने पर अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था