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कोरोना ने शिक्षा क्षेत्र का बिगाड़ा समीकरण,पढ़ाई तो दूर दाखिले की प्रक्रिया हो गई ‘संक्रमित’

locationअजमेरPublished: May 05, 2021 12:45:12 am

Submitted by:

suresh bharti

कोरोना के चलते दो साल से शैक्षणिक ढॉचा चरमराया, केवल प्री-प्राइमरी में हुए हैं प्रवेश, अन्य कक्षाओं में अटक गए हैं दाखिले

कोरोना ने शिक्षा क्षेत्र का बिगाड़ा समीकरण,पढ़ाई तो दूर दाखिले की प्रक्रिया हो गई ‘संक्रमित’

कोरोना ने शिक्षा क्षेत्र का बिगाड़ा समीकरण,पढ़ाई तो दूर दाखिले की प्रक्रिया हो गई ‘संक्रमित’

ajmer अजमेर. कोरोना संक्रमण ने स्कूल में पढ़ाई के साथ दाखिलों की परेशानियां भी बढ़ा दी हैं। सीबीएसई से संबद्ध स्कूल में सिर्फ प्री-प्राइमरी के ही प्रवेश हुए हैं। शिक्षा विभाग से सम्बद्ध सरकारी स्कूल में भी गर्मी की छुट्ट्यिां जारी हैं। अब हालात सामान्य होने पर ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के आसार हैं। सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूलों में जनवरी से फरवरी-मार्च तक प्री-प्राइमरी की प्रवेश प्रक्रिया पूरी होती है। इनके अलावा छठी, नवीं और ग्यारहवीं कक्षा के प्रवेश विद्यार्थियों के परिणाम, अभिभावकों के स्थानांतरण के चलते होते हैं। शिक्षा विभाग से सम्बद्ध स्कूल में मई के शुरुआत और जून के अंतिम सप्ताह में प्रवेशोत्सव होते हैं।
नहीं देखी स्कूल की दहलीज

इस साल सीबीएसी स्कूलों की प्री-प्राइमरी कक्षाओं के नवप्रविष्ट बच्चों ने स्कूल की शक्ल भी नहीं देखी है। यही हाल चौथी, छठी, नवीं कक्षाओं का है। अजमेर के मिशनरी, पब्लिक स्कूल ने जनवरी से मार्च तक प्री-प्राइमरी में प्रवेश दिए थे लेकिन कक्षाएं नहीं लग सकी हैं। सीबीएसई की दसवीं की परीक्षाएं रद्द होने व प्रमोट फार्मूले से 20 जून को परिणाम जारी होने के बाद ही ग्यारहवीं कक्षा में दाखिले होंगे।
पेरेंट्स बदले रहे प्लान

कोरोना संक्रमण के चलते नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी में बच्चों के दाखिले कराने वाले कई पेरेंट्स प्लान बदलने में जुटे हैं। महामारी को देखते हुए वे बच्चों को स्थिति सामान्य होने तक स्कूल नहीं भेजना चाहते। राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में भी फिलहाल प्रवेश नहीं हुए हैं।
अजमेर शहर में सीबीएसई स्कूल में इतने नव प्रवेश

नर्सरी, एलकेजी-यूकेजी: 8 से 10 हजार

चौथी, छठी, नवीं-ग्यारहवीं: 650 से 1000

सरकारी स्कूल में प्रवेश-25 से 30 हजार
(पहली से बारहवीं तक)
स्कूल के सामने हैं चुनौतियां

-प्री-प्राइमरी के बच्चों को कई पेरेंट्स नहीं भेजेंगे स्कूल

-दसवीं के विद्यार्थी परिणाम के बाद लेंगे दूसरे स्कूल में दाखिले

-कक्षाओं में 45 से 70 विद्यार्थियों के कारण बनाने पड़ेंगे अतिरिक्त सेक्शन
-विद्यार्थियों का ऑनलाइन प्रवेश टेस्ट लेना मुश्किल

-नए प्रवेश देने पर अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था

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