विभागीय आंकडों पर नजर डाले तो पूरे जिले में कुल बिजली का ५३ प्रतिशत हिस्सा चोरी हो रहा है, जबकि मात्र ४७ प्रतिशत पर ही बिलिंग की जा रही है। ईधर, निगम की कार्रवाईयों को ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहर में भी जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन विरोध के चलते विभागीय स्तर पर नाममात्र औपचारिक कार्रवाइयों से खाना पूर्ति की जा रही है।
ऐसे करते हैं चोरी…
उपभोक्ता शाम होते ही मकान के सामने से निकल रही विद्युत लाइन पर जम्फर डाल देते हैं और सुबह जम्फर हटा लेते हैं। इस दौरान मकान के एसी, कूलर, हीटर सहित अनेक विद्युत उपकरणों का जमकर उपयोग करते हैं। कई उपभोक्ता तो दादागिरी से दिन में भी जम्फर नहीं हटाते हैं। बिजली चोरी पर की जाने वाली कार्रवाईयों के दौरान विद्युत दल को विरोध का सामना करना पड़ता है।
लॉक डाउन में बढ़ी चोरी…
विभागीय आंकडों पर नजर डाले तो इस वर्ष मार्च माह तक जिले भर में ३७ प्रतिशत बिजली चोरी थी, लॉकडाउन के चलते अप्रेल व मई में यह आंकडा बढ़कर ५३ प्रतिशत हो गया। इस दौरान निगम की ओर से चोरी रोकने के लिए कोई भी प्रयास भी नहीं किए गए।
पुलिस सहयोग करें तो बने बात… निगम के अधिकारियों की माने तो बिजली चोरी के दौरान संबंधित थाना पुलिस की ओर से सहयोग नहीं किया जाता है। ऐसे में कार्रवाई करने वाले दल को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों का कहना है कि अगर पुलिस की ओर बिजली चोरी की कार्रवाई में सहयोग दिया जाएं तो कहीं हद तक बिजली चोरी पर लगाम लगाई जा सकती है।
प्रतिवर्ष करोड़ों का राजस्व नुकसान… विद्युत चोरी व छीजत के चलते जयपुर विद्युत वितरण निगम को प्रति वर्ष कई करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है। निगम अधिकारियों की मानें तो सर्वाधिक चोरी जिले के शहरी क्षेत्र में हो रही है। इसके अलावा राजाखेड़ा, बाड़ी, बसेड़ी, सैपऊ, सरमथुरा में भी बिजली चोरी बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं की ओर से की जा रही है। बिजली चोरी के चलते जिले में हर माह निगम को करोड़ों रूपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इनका कहना है…
जिले भर में इस वर्ष मार्च माह तक बिजली चोरी ३७ प्रतिशत थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान अप्रेल व मई माह में यह आंकडा बढ़कर ५३ प्रतिशत हो गया, इस दौरान कार्रवाई भी कम ही हुई। निगम जल्द ही बिजली चोरी रोकने के लिए अभियान शुरू करेंगी।
बीएल वर्मा, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम, धौलपुर