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Counselling: प्राध्यापक संस्कृत शिक्षा के अभ्यर्थियों को दिया ये खास मौका

locationअजमेरPublished: Mar 03, 2021 09:01:16 am

Submitted by:

raktim tiwari

विस्तृत आवेदन पत्र को लेकर आवश्यक निर्देश, काउंसलिंग पत्र और अन्य जानकारी आयोग की वेबसाइट पर जारी की गई है।

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अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्वावधान में प्राध्यापक संस्कृत शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत सामान्य व्याकरण के पदों के तहत अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 8 मार्च को होगी।

सचिव शुभम चौधरी ने बताया कि प्राध्यापक संस्कृत शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत सामान्य व्याकरण के पदों के लिए पूर्व में जारी विचारित सूची में अनुपस्थित/अपात्र रहे अभ्यर्थियों के विरुद्ध 18 फरवरी को अतिरिक्त विचारित सूची जारी की गई थी। इस विचारित सूची में शामिल 56 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 8 मार्च को आयोग परिसर में होगी।, विस्तृत आवेदन पत्र को लेकर आवश्यक निर्देश, काउंसलिंग पत्र और अन्य जानकारी आयोग की वेबसाइट पर जारी की गई है।
अभ्यर्थी 3 मार्च से इन्हें डाउनलोड कर निर्देशों की पालना कर सकेंगे। साथ ही भरे हुए विस्तृत आवेदन पत्र की दो प्रतियां, स्वप्रमाणित दस्तावेजों की एक प्रति और मूल शैक्षिक दस्तावेजों के साथ काउंसलिंग में उपस्थिति दे सकेंगे। अभ्यर्थियों को कोविड-19 से जुड़े निर्देशों की पालना करनी जरूरी होगी।
आरएएस 2018 :पूर्व में जारी परिणाम के आधार पर होगी भर्ती

अजमेर.आरएएस-2018 परीक्षा परिणाम रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रद्द कर दिया हाईकोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को पूर्व में जारी परिणाम के आधार पर भर्ती करने को कहा है।
आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा में दो गुणा अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने से जुड़ी कविता गोदारा की याचिका पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते वर्ष दिसंबर में पदों के न्यूनतम अर्हता अंक तय करने और दो गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दिए थे। साथ ही 9 जुलाई 2020 को घोषित मुख्य परीक्षा परिणाम को रद्द करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे। आयोग के फुल कमीशन ने एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ में चुनौती दी थी।
आयोग ने दिए यह तर्क
राज्य सरकार के एजी और आयोग के अधिवक्ता मिर्जा फैजल बेग ने हाईकार्ट में तर्क रखे। इसमें कहा गया कि आरएएस 2018 का परिणाम नियमानुसार जारी किया गया है। एकल पीठ के फैसले की पालना करने पर साक्षात्कार में 700 अभ्यर्थियों को अधिक बुलाना पड़ेगा। इससे ना केवल चयन प्रक्रिया में देरी होगी, बल्कि आरएएस जैसी प्रतिष्ठित भर्ती की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

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