एलएलबी के स्टूडेंट्स के लिए खास है ये खबर, एग्जाम में रटने के बजाय करना होगा ये खास काम
मौजूदा सत्र 2017-18 में होने वाली परीक्षा में इसी पैटर्न पर पेपर होंगे।

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के त्रि-वर्षीय एलएलबी का कोर्स बदल गया है। इमसें केस स्टडी, डीड राइटिंग, लघु शोध कार्य, मूट कोर्ट प्रेक्टिस जैसे बिन्दू शामिल किए गए हैं। विश्वविद्यालय की पाठ्यचर्या समिति इसका फैसला कर चुकी है। मौजूदा सत्र 2017-18 में होने वाली परीक्षा में इसी पैटर्न पर पेपर होंगे।
एलएलबी के पाठ्यक्रम में मौजूदा समय 80 नम्बर की थ्योरी और 20 नम्बर का साक्षात्कार (वाइवा) हेाता है। वक्त के सआथ यह पद्धति काफी पुरानी और बेतुकी हो चुकी है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने सभी विश्वविद्यालयों को त्रि-वर्षीय एलएलबी के कोर्स को शोध अन्वेषणात्मक और रटने के बजाय मिश्रित बनाने को कहा है। इसके तहत महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की विधि संकाय की पाठ्यचर्या समिति ने नया कोर्स तैयार किया है।
विद्यार्थियों को मिलेगा विस्तृत ज्ञान
लॉ कॉलेज के व्याख्याता डॉ. आर. एन. चौधरी ने बताया कि नए कोर्स से विद्यार्थियों को विस्तृत ज्ञान मलेगा। उन्हें लॉ कॉलेज में पढ़ाई के दौरान कोर्ट के फैसलों का अध्ययन करना और उनका विश्लेषण करना आएगा। इसके अलावा डीड राइटिंग, सार्वजनिक नोटिस सूचना तैयार करने जैसे अहम कार्य को कॉलेज में सीख सकेंगे। मूट कोर्ट में मामलों की पैरवी करने, न्यायालयों में उपस्थिति सीखेंगे। साक्षात्कार में उन्हें विधि से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। इसके अलावा जीएसटी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
नहीं चलेगा रटने से काम
लॉ के स्टूडेंट्स को अब रटकर परीक्षा देने वाली पुरानी प्रेक्टिस को बदलना होगा। अब परीक्षा में केस स्टडी पर सवाल पूछे जाएंगे। डीड राइटिंग से जुड़े प्रश्न भी आएंगे। यह तभी संभव होगा जबकि स्टूडेंट्स की प्रेक्टिस होगी। रटने वाली पद्धति के चलते स्टूडेंट्स को प्रायोगिक ज्ञान नहीं मिल पाता है। इसके चलते कई विद्यार्थियों को वकालत के दौरान खासी दिक्कतें हेाती हैं।
अब यह बिन्दू होंगे अहम (त्रि-वर्षीय एलएलबी में)
-अदालतों में हुए फैसलों की केस स्टडी या केस एनालिसिस करना
-अदालतों की भांति मूट कोर्ट में प्रेक्टिस
-जमीन जायदाद और अन्य विषयों के लिए डीड राइटिंग और नोटिस बनाना सीखना
-विभिन्न टॉपिक (विधि से जुड़े) पर लघु शोध
-साक्षात्कार वाइवा
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