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राजस्थान के इस शहर में उप महापौर की 10वीं की मार्कशीट को लेकर मचा हड़कंप ,अब पुलिस पता करेगी क्या है सच

locationअजमेरPublished: Jun 22, 2018 02:44:24 pm

Submitted by:

सोनम

नगर निगम के उप महापौर सम्पत सांखला की दसवीं की अंक तालिका को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

court gave order to vice mayor for verify 10th class mark sheet

राजस्थान के इस शहर में उप महापौर की 10वीं की मार्कशीट को लेकर मचा हड़कंप ,अब पुलिस पता करेगी क्या है सच

अजमेर. नगर निगम के उप महापौर सम्पत सांखला की दसवीं की अंक तालिका को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा के पूर्व मनोनीत पार्षद की याचिका पर गुरुवार को अदालत ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को 2010 में नगर निगम के चुनाव में सांखला की ओर से भरे गए नामांकन पत्र में दसवीं पास के संबंध में अंक तालिका और प्रमाण पत्र का सत्यापन कराकर रिपोर्ट एक माह में पेश करने के आदेश दिए।

भाजपा के पूर्व मनोनीत पार्षद पट्टी कटला गणेश चौक निवासी सत्यनारायण गर्ग की याचिका पर गुरुवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 3 के न्यायाधीश राजेश मीणा ने पुलिस जांच के आदेश दिए। आदेश में सिविल लाइंस थाना पुलिस को उप महापौर सांखला की ओर से 2010 में भरे गए पार्षद के नामांकन पत्र में राजकीय माध्यमिक गुजराती विद्यालय से दसवीं परीक्षा पास करने के संबंध में जांच कर उसकी अंकतालिका व प्रमाण पत्र की प्रति लेकर उसका सत्यापन बोर्ड से कराने के आदेश दिए। परिवादी की ओर से अधिवक्ता विवेक पाराशर की ओर से पेश किए दस्तावेज में उप महापौर सांखला ने 2010 में पार्षद चुनाव के लिए भरे गए नामांकन पत्र में राजकीय माध्यमिक गुजराती विद्यालय से 10वीं पास होना अंकित किया। वहीं 2015 में वार्ड 23 से भाजपा के टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ते हुए उप महापौर सांखला ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान की अंकतालिका व प्रमाण पत्र पेश करते हुए चुनाव जीता और उप महापौर बने।
उन्होंने तर्क दिया कि सांखला ने 2010 में वार्ड 18 से पार्षद चुनाव लड़ा था तब शैक्षणिक योग्यता में दसवीं पास थी और 2015 में खुद को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान से दसवीं पास दर्शाया है। जब 2010 में सांखला ने दसवीं उत्तीर्ण कर ली थी तो वर्ष 2015 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान से परीक्षा पास करने का कोई औचित्य नहीं था। अदालत ने पुलिस को अंकतालिका व प्रमाण पत्र प्राप्त कर उसकी संबंधित बोर्ड से जांच कर रिपोर्ट एक माह में पेश करने के आदेश दिए। प्रकरण में परिवादी गर्ग की ओर से अधिवक्ता विवेक पाराशर, प्रदीप यादव और अरविन्द मीणा ने पैरवी की।
यह है मामला
पूर्व पार्षद गर्ग ने अगस्त 2017 में एक फौजदारी परिवाद सम्पत सांखला के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में पेश किया। इसमें सूचना के अधिकार के तहत सांखला की ओर से 2010 व 2015 में लड़े गए वार्ड 18 व 23 के चुनाव में भरे गए नामांकन पत्र व शपथ पत्रों की प्रमाणित प्रति प्राप्त की।
मेरी शिकायत करने वाले आदतन शिकायतकर्ता हैं। इससे पूर्व उप महापौर को कार क्यों दी गई, कमरा क्यों दिया गया जैसी शिकायतें कर चुके हैं। मैंने 2010 के नामांकन में अंक तालिका नहीं लगाई। शपथ पत्र के संबंध में मुझे ध्यान नहीं है। दसवीं उत्तीर्ण का नियम जब आया उससे पहले मैं 10वीं उत्तीर्ण हो गया तो 2015 में अंक तालिका लगाई। तब कांग्रेस प्रत्याशी ने आपत्ति जताई थी तो निर्वाचन विभाग ने जांच के बाद शिकायत को खारिज कर दिया। मुझे न्याय व्यवस्था पर विश्वास है। कोर्ट के आदेश का सम्मान करता हूं। पुलिस की जांच में सहयोग करूंगा।
-सम्पत सांखला, उप महापौर, नगर निगम अजमेर
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