
गुरुवार सुबह साढ़े 8 बजे पंजाब लुधियाना निवासी संतोकसिंह, शिवकुमार दोस्त के बेटे करण कुमार के साथ अजमेर क्लब से दरगाह जियारत के लिए रवाना हुए। कचहरी रोड होते हुए गांधी भवन चौराहे पहुंचे तो एलिवेटेड रोड के पिलर पर गर्डर रखने का काम चल रहा था। कार चला रहे संतोक सिंह और उसके आगे चल रही कार के चालक ने ब्रेक लगाए लेकिन निर्माण में लगे इंजीनियर व श्रमिकों ने वाहनों को गुजरने का इशारा कर दिया।
क्रेन से छूटा गर्डर मौके से रिक्शा और एक कार के गुजरने के बाद अचानक एक क्रेन से गर्डर छूट गया। गर्डर छूटते ही क्रेन संतुलन बिगड़ने से उछल कर पलट गई। जबकि क्रेन का बूम(भुजा) संतोकसिंह की कार की छत पर जा गिरा। कार की पिछली सीट पर बैठे करण के सिर में चोट आई। वह घटनास्थल पर बेहोश हो गया जबकि शिव कुमार व संतोक सिंह बाल-बाल बचे। राहगीर की मदद से करण कुमार को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद शहर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर पुन: जेएलएनएच में भर्ती कराया। जहां उसकी तबीयत स्थिर बनी हुई है। संतोक सिंह ने मामले में कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया।
निकले थे जोधपुर घूमने प्राइवेट फर्म से सेवानिवृत्त शिवकुमार ने बताया कि वह दोस्त संतोक सिंह के साथ राजस्थान घूमने निकला था। दोस्त के बेटे करण को भी जोधपुर जाना था तो वह उनके साथ हो गया। तीनों बुधवार रात को अजमेर पहुंच कर अजमेर क्लब में ठहरे। सुबह नया बाजार में नाश्ता कर दरगाह जियारत करने के लिए निकले तो हादसा पेश आया।
चलो...चलो.. का मिला इशारा शिव कुमार ने बताया कि चौराहे पर गर्डर रखने के दौरान इंजीनियर, श्रमिक के अलावा दूसरे छोर पर यातायात पुलिसकर्मी भी खड़े थे। उन्होंने काम चलता देख कार की रफ्तार कम करते हुए ब्रेक लगा दिए लेकिन यहां खड़े श्रमिकों ने चलो..चलो.. का इशारा किया तो गाडि़यां आगे बढ़ गई। फिर अचानक हादसा पेश आया।
गनीमत रही जान बची. . . संतोक सिंह ने बताया कि क्लब से रवाना होते वक्त वह कार चला रहा था तो करण और शिव कुमार पीछे बैठ गए। नाश्ता करने के बाद एक के आगे बैठने की बात हुई थी। दरगाह जियारत करने के बाद तीनों को जोधपुर के लिए रवाना होना था। उन्होंने बताया कि करण जोधपुर में ऑटो मोबाइल कम्पनी में हैड इंजीनियर है।
नहीं रोका जाता है ट्रेफिक बीते 4 साल से एलीवेटेड सड़क के निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है। खासतौर पर जहां काम चल रहा है। वहां से भी दिन रात ट्रेफिक गुजरता रहता है। इससे पूर्व भी निर्माण श्रमिकों के औजार गिरने से हादसे पेश आ चुके है लेकिन एलीवेटेड निर्माण में लगी सिम्फोनिया ग्राफिक्स कम्पनी, आरएसआरटीसी व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया।