अजमेर

मासूम पूछते रहे…पापा को क्या हुआ…इत्ते सारे लोग क्यूं आए हैं,यह सुन हर किसी की आंखें नम हो गई

तस्करों के साथ मुठभेड़ में मृतक सिपाही का मामला, राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि,पुलिस के जवानों ने दिया गार्डऑफ ऑनर,शव तिंरगे में लिपटा घर पहुंचा तो परिजन विलाप करते रहे

अजमेरApr 12, 2021 / 12:04 am

suresh bharti

मासूम पूछते रहे…पापा को क्या हुआ…इत्ते सारे लोग क्यूं आए हैं,यह सुन हर किसी की आंखें नम हो गई

अजमेर/किशनगढ़. इन मासूम को क्या पता था कि उनके पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह तो कत्र्तव्य निष्ठा से नौकरी करते हुए तस्करों की गोली का शिकार हो गए। इस जांबाज सिपाही का शव जब घर लाया गया तो परिजन की रुलाई फूट पड़ी। पत्नी बार-बार अचेत होती रही। घर पर विलाप और लोगों की भीड़ देख मृतक के बेटा-बेटी हैरान थे। वह बार-बार पूछ रहे थे कि उनके पापा को क्या हो गया। यह क्यों नहीं उठ रहे। लोग इनको माला क्यों पहना रहे हैं। यह सुन हर किसी की आंखें नम हो गई।
भीलवाड़ा के रायला थाना क्षेत्र में शनिवार रात मादर्क पदार्थ तस्करों से मुठभेड़ में गोली लगने से मारे गए किशनगढ़ के नौजवान सिपाही की पार्थिव देह रविवार को किशनगढ़ पहुंची। यहां नम आंखों और पूरे राजकीय पुलिस सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। पुलिस के जवानों की एक टुकड़ी ने गार्डऑफर ऑनर दिया। सांसद, विधायक पुलिस अधीक्षक एवं एसडीओ अन्य पुलिस अधिकारियों ने उनकी देह पर पुष्पचक्र अर्पित किया।
शव देख मचा कोहराम

सांवतसर क्षेत्र निवासी कांस्टेबल पवन कुमार (34) के सिर में गोली लगी थी। उनकी पार्थिव देह रविवार शाम 5 बजे किशनगढ़ थाने पहुंची। यहां से पुलिस दल के साथ उनकी देह को सांवतसर स्थित घर ले जाया गया। इस दौरान किशनगढ़ के युवो रैली के रूप में और हाथों में तिरंगा झंडा लेकर शव वाहन के आगे चले। पूरे रास्ते सपूत सिपाही की देह पर पुष्पवर्षा की। पार्थिव देह घर पहुंचते ही परिजन बिलख उठे। घर और आस पास के क्षेत्र में भीड़ एकत्र हो गई।
ताबूत से लिपट गए

पुलिस अधिकारियों ने पत्नी अनकार देवी, पुत्र रियांश, पुत्री वंदना, पिता बोदूराम नुवाद, माता गोल्या देवी, भाई कैलाश और जुगराज को अंतिम दर्शन कराए। घर पर परिजन ने अंतिम रस्म अदा की। इसके बाद पुन: पुलिसकर्मियों ने शव कंधे पर उठा लिया और मोक्षधाम के लिए रवाना होने लगे। यह देख पत्नी अनकार देवी समेत परिवार के सदस्य बिलख पड़े और ताबूत से लिपट गए। बाद में पुलिस अधिकारियों और परिजन ने उन्हें ढाढस बंधाया। इसके बाद पुलिसकर्मी एवं परिजन मुक्तिधाम के लिए रवाना हो गए।
आठ वर्षीय पुत्र ने दी मुखाग्नि

मदनेश गौशाला के पीछे स्थित मुक्तिधाम में पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया तथा नम आंखों से उनका अंतिम संस्कार किया गया। छोटे भाई कैलाश नुवाद ने पवन के आठ वर्षीय पुत्र रियांश को गोद में उठाकर मुखाग्नि दिलाई।
दस साल दी पुलिस में सेवाएं

सिपाही पवन कुमार के दो संतानें हैं। एक आठ वर्षीय पुत्र रियांश और पांच वर्षीय पुत्री वंदना। पति की मौत से पत्नी अनकारदेवी का रो रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं पिता बोदूराम नुवाद (60) एवं मा गोल्या देवी (55) के भी आंसु थमने का नाम नहीं ले रहे। माता-पिता अपने नौजवान पुत्र के शव को देख सुध-बुध खो बैठे। परिजन के राजेंद्र नुवाद ने बताया कि पवन कुमार वर्ष 2011 में पुलिस में भर्ती हुए थे। बीते चार पांच साल से भीलवाड़ा के रायला थाने में बतौर कांस्टेबल तैनात रहे।

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