सवालों के जवाब में लाठर ने कहा कि अपराध दर्ज होने के साथ जल्द निस्तारण से काफी हद तक पुलिस काम का दबाव कम कर सकती है। प्रकरणों के निस्तारण के साथ ही शिकायतों में कमी आएगी। पेंडेंसी रहेगी तो परिवादी पुलिस अफसरों से शिकायतें भी करेंगे। इससे समय के साथ कार्य क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में पेंडेंसी बढ़ी है। अधिकांश अनुसंधान अधिकारी कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने में लगे थे।
तैयार किया है एक्शन प्लान उन्होंने कहा कि क्राइम मीटिंग में अपराध की रोकथाम पर मंथन कर सुधार की कार्य योजना तैयार की गई है। ताकि भविष्य में परिवादी व आमजन को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि कुछ अपराध ऐसे है जिन्हें प्राथमिकता से निस्तारित किए जाने चाहिएं। इसमें एससी-एसटी एक्ट, पोक्सो एक्ट, महिला अपराध शामिल हैं। जो दो माह में निस्तारित करना अनिवार्य है।
साइबर क्राइम चुनौती. . . लाठर ने कहा कि साइबर क्राइम पुलिस के लिए उभरती हुई चुनौती है। इसे स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं कि हमें इसकी जानकारी कम है। जानकारी बढ़ाने के लिए स्थानीय स्तर पर विश्विद्यालय व तकनीकी महाविद्यालय के छात्रों, साइबर एक्सपर्ट को जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। तकनीकी ज्ञान हासिल करने के लिए आरपीए में साइबर फोरेंसिक ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित है। जहां पुलिसकर्मी, अनुसंधान अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
अवैध खनन से धूमिल हो रही छवि डीजीपी लाठर ने अवैध बजरी खनन को पुलिस बेड़े के लिए बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य अपनी रफ्तार से चल रहा है तो मांग के अनुरूप सप्लाई भी होगी। नदी से खनन बंद है लेकिन खातेदारी भूमि पर चालू है। कानून के लिहाज से हम भी जिम्मेदार हैं लेकिन पुलिस की अपनी व्यस्तताएं हैं। खनन व वन विभाग के पास सिर्फ अवैध खनन रोकथाम की ड्यूटी है लेकिन जिस तरह से अवैध खनन को लेकर विभाग की छवि धूमिल हो रही है उसे देखते हुए स्पेशल जोन में पूरी क्षमता के साथ पुलिस अवैध खनन पर अंकुश लगाएगी।
एचआरए हैप्पी अमाउंट
एक सवाल के जवाब में लाठर ने कहा कि पुलिस में आवासीय क्षेत्र के लिए 40 फीसदी बैरक और 60 फीसदी आवासीय क्वाटर्स का प्रावधान है। मौजूदा स्थिति में महज 25 फीसदी सरकारी आवास हैं जो काफी कम हैं लेकिन जवानों को मिलने वाला आवासीय भत्ता हैप्पी अमाउंट है। उसमें किराए का मकान लेकर भी रहा जा सकता है। उन्होंने पुलिस जवान के वेलफेयर का जवाब देते हुए उनके भत्ते गिनाए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी को 13 महीने का वेतन, 25 सीएल, हार्ड ड्यूटी भत्ता, मैस भत्ता, बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप समेत कई प्रावधान हैं।
एक सवाल के जवाब में लाठर ने कहा कि पुलिस में आवासीय क्षेत्र के लिए 40 फीसदी बैरक और 60 फीसदी आवासीय क्वाटर्स का प्रावधान है। मौजूदा स्थिति में महज 25 फीसदी सरकारी आवास हैं जो काफी कम हैं लेकिन जवानों को मिलने वाला आवासीय भत्ता हैप्पी अमाउंट है। उसमें किराए का मकान लेकर भी रहा जा सकता है। उन्होंने पुलिस जवान के वेलफेयर का जवाब देते हुए उनके भत्ते गिनाए। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी को 13 महीने का वेतन, 25 सीएल, हार्ड ड्यूटी भत्ता, मैस भत्ता, बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप समेत कई प्रावधान हैं।
ई-समाधान सराहनीय पहल डीजीपी लाठर ने अजमेर रेंज आईजी एस. सेंगाथिर की ओर से ई-समाधान एप और वाट्सएप पर परिवादियों की सुनवाई की योजना को सराहा। उन्होंने कहा कि योजना के सफल रहने पर भविष्य में प्रदेश के अन्य जिलों में लागू किया जाएगा। उन्होंने अजमेर रेंज के अपराध की समीक्षा के संबंध में कहा कि काम बेहतर है लेकिन बेहतर को और बेहतर बनाने की गुंजाइश हमेशा रहती है।