गुरुवार शाम उत्तरप्रदेश के इज्जतनगर स्थित वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट््यूट को भेजे विसरा सेम्पल की रिपोर्ट गुरुवार को मिल गई। रिपोर्ट में आनासागर झील के बारादरी पर मृत मिले कौओं की मौत की वजह विषाक्त सेवन और रानीखेत बीमारी से होना सामने आया है। गौरतलब है कि अजमेर शहर में आनासागर की बारदरी, पट्टी कटला, लवकुश उद्यान व ब्यावर शहर में कुल 96 कौओं के शव मिल चुके हैं। इस पर वन और पशुपालन विभाग की टीम लगातार नजर रखे हुए थी।
खूनी दस्त से हुई मौत
पशुपालन विभाग के डॉ. प्रफुल माथुर के मुताबिक कौओं की आंतों में विषाक्त (पॉइजन) मिला है जो संभवत: चीचड़े मारने के लिए पशुओं के शरीर पर लगाया जाने वाला कीटनाशक है। इसके इस्तेमाल के कारण मृत पशुओं का मांस खाने से भी कौओं में रानीखेत बीमारी फैली।
पशुपालन विभाग के डॉ. प्रफुल माथुर के मुताबिक कौओं की आंतों में विषाक्त (पॉइजन) मिला है जो संभवत: चीचड़े मारने के लिए पशुओं के शरीर पर लगाया जाने वाला कीटनाशक है। इसके इस्तेमाल के कारण मृत पशुओं का मांस खाने से भी कौओं में रानीखेत बीमारी फैली।
सांभर में भी मिले थे लक्षण नागौर जिले के सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की हुई त्रासदी में भी वायरस जनित बीमारी रानीखेत के ही लक्षण मिले थे। विशेषज्ञ के मुताबिक रानीखेत अनुकूल वातावरण मिलने पर पुन: फैलता है। इसके अलावा मृत जानवर व पक्षी के खाने से भी कौओं की मौत होना सामने आया है।
इनका कहना है
बरेली की रिपोर्ट में कौओं की मौत पॉइजन से होना सामने आया है। आंतों में पॉइजन के अलावा भारी मेटल के अंश मिले हैं। -सुदीप कौर, उप वन संरक्षक वन विभाग अजमेर
बरेली की रिपोर्ट में कौओं की मौत पॉइजन से होना सामने आया है। आंतों में पॉइजन के अलावा भारी मेटल के अंश मिले हैं। -सुदीप कौर, उप वन संरक्षक वन विभाग अजमेर