किसी शख्स के मोबाइल नम्बर हासिल करना, फेक आईडी बनाना, ऋण-जमा योजनाओं के बहाने सामान्य जानकारी जुटाना और अन्य कई साधनों से धोखाधड़ी जारी है। किसी भी मोबाइल पर क्यूआर कोड या लिंक अथवा अन्जान कॉल पर हमें तत्काल विश्वास नहीं करना चाहिए।
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी अजयपाल लाम्बा ने कहा कि स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साइबर क्राइम बढ़ रहे हैं। हैकर्स और अपराधी नित-नए तकनीक से लोगों को चपत लगा रहे हैं। हमें डिजिटल संसाधनों का प्रयोग करते समय बेहद सावधानी की जरूरत है। प्राइवेसी लीक से बचने के गोपनीय कोड और सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जाने चाहिए। विशिष्ट अतिथि बीओजी के चेयमरेन प्रो. एन. सी.शिवा प्रकाश ने साइबर क्राइम को आमजन के लिए घातक और सुरक्षा एजेंसियों के लिए वृहद चुनौती बताया।
प्राचार्य डॉ. रेखा मेहरा ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उदेसाइबर सुरक्षा एवं साइबर अपराध से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक करना है। इसमें आईआईटी ,एनआईटी, ट्रिपल आईटी ,एनएलयू एवं साइबर सिक्योरिटी इंडस्ट्री के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
इन विषयों पर हुई चर्चा
डॉ गार्गी चक्रवर्ती ने साइबर अटेक्स के विधिक प्रावधान, सौविक दत्ता ने वेब और सोशल इंजीनियरिंग अटैक्स, साइबर थ्रेट्स की जानकारी दी। साथ ही पासवर्ड को ऑनलाइन चेक करने का तरीका समझाया। सह समन्वयक दिनेश खुंटेटा, विनेश जैन, डॉ.ज्योति गजरानी भी मौजूद रहे।
डॉ गार्गी चक्रवर्ती ने साइबर अटेक्स के विधिक प्रावधान, सौविक दत्ता ने वेब और सोशल इंजीनियरिंग अटैक्स, साइबर थ्रेट्स की जानकारी दी। साथ ही पासवर्ड को ऑनलाइन चेक करने का तरीका समझाया। सह समन्वयक दिनेश खुंटेटा, विनेश जैन, डॉ.ज्योति गजरानी भी मौजूद रहे।