प्राचार्यों को विद्यार्थियों के लिए नए सत्र से रोजाना आज का सुविचार लिखवाना होगा। सरकारी और निजी कॉलेज में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में हजारों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यूं तो कॉलेज में परिसरों में बरामदों, उद्यान, पुस्तकालय, कैंटीन में स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद, महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक सहित कई महापुरुषों के विचार लिखे रहते हैं।
फिर भी विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा, अनुशासन, संस्कृति और सर्वपंथ समभाव सिखाने के लिए निदेशालय ने प्रतिदिन आज का सुविचार लिखने के निर्देश दिए हैं। संयुक्त निदेशक डॉ. रेणु बापना ने सभी प्राचार्यों को पत्र जारी किया है।
खुद लिखें या लिखवाएं निदेशालय ने प्राचार्यों को कहा है, कि वे चाहें तो प्रतिदिन सुविचार खुद लिख सकते हैं। उनकी अनुपस्थिति अथवा व्यस्त होने पर व्याख्याता, कर्मचारी अथवा विद्यार्थियों को भी यह कार्य दिया जा सकता है।
इसके लिए सूचना पट्ट पर एक स्थान निश्चित करना होगा। यहां स्पष्ट भाषा में सुविचार लिखा जाएगा।