महिला कर्मचारी से बलात्कार के मामले में विवादों में आए डेयरी अध्यक्ष चौधरी(Ramchandra choudhary) को छेड़छाड़ के मामले में पुलिस के समक्ष पीडि़ता के बयान से पलटने के बाद पुलिस को दिए बयान के साथ अदालत के कलमबंद बयान में भी दबाव में प्रकरण दर्ज करवाना कबूल किया। बयानों के बाद अनुसंधान अधिकारी व तत्कालीन रामगंज थानाप्रभारी गोमाराम भी अजमेर से विदा होने से पहले प्रकरण में एफआर लगाकर फाइल अदालत में पेश कर गए।
मामले में 17 को पेशी डेयरी अध्यक्ष चौधरी को पहले दर्ज करवाए गए मामले में राहत नहीं मिल सकी है। प्रकरण में 17 फरवरी को अदालत में सुनवाई है। चौधरी ने प्रकरण में राजनैतिक द्वेषता के चलते प्रकरण दर्ज करवाने का हवाला देते हुए एफआईआर निरस्त करने की हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाइकोर्ट ने चौधरी की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए दोनों पक्ष सुनने के बाद कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे।
इनका कहना है… प्रकरण के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। पूर्व में एफआर लगाकर पेश कर दी गई होगी। -नरपत सिंह, थानाप्रभारी रामगंज पीडि़ता ने पुलिस बयान व अदालत में कलमबंद बयान में किसी के दबाव में मुकदमा दर्ज करवाना कबूला है। बयान के बाद अदालत में एफआर पेश की गई है।
-गोमाराम, निर्वतमान थानाप्रभारी व वृत्ताधिकारी