शिकायत की यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है। जयपुर जिले के जोबनेर निवासी पीडि़त छात्र ने गत 16 जुलाई को विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था और 23 जुलाई को यूनिवर्सिटी पहुंचा। वह 24 जुलाई की शाम यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बाहर बैठा था। यहां उसे एक सीनियर छात्र मिला। पीडि़त ने उससे एंटी रैगिंग के संबंध में जानकारी चाही तो सीनियर ने मोबाइल नम्बर लेते हुए शाम को बताने की बात कही। सीनियर छात्र ने उसे शाम को कॉल कर कमरे में बुलाया, लेकिन वह नहीं पहुंचा। वह अपने कमरे में पहुंचा तो रूममेट (साथी छात्र) ने सीनियर छात्र के आने की जानकारी दी। सीनियर ने नोट बुक में कमरा नम्बर और मैसेज लिखा था। वह रात 8.30 बजे सीनियर छात्र के कमरे में पहुंचा। यहां पहले से कुछ छात्र मौजूद थे। इसी दौरान एक सीनियर छात्र कमरे में आया। उसने उसका नाम पूछते हुए अपशब्द कहे। उसने उसको धमकाते हुए कपड़े उतरवा दिए। छात्र का आरोप है कि सीनियर छात्र ने रैगिंग के नाम पर अप्राकृतिक कृत्य किया। उसके बाद उसे कमरे से बाहर निकाल दिया। उधर, विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
भाई को सुनाई पीड़ा
छात्र ने आपबीती 25 जुलाई को अपने भाई को सुनाई। परिवार की सलाह के बाद उसने अपना प्रवेश निरस्त करवा गांव लौट गया लेकिन उसने 12 अगस्त को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पोर्टल पर शिकायत की।
– हमारे पास अभी तक किसी प्रकार की न तो शिकायत मिली है और न ही मामला दर्ज हुआ है। यदि कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।
विक्रम सेवावत, एसएचओ