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यहां सीटी स्कैन और सोनोग्राफी कराना खतरनाक, वजह जानकर रुक जाएंगे आपके कदम

locationअजमेरPublished: May 23, 2018 10:21:25 am

Submitted by:

raktim tiwari

दूरी एवं सड़क पार करने में समय जाया होने के दौरान गंभीर रोगी का दम टूटने की भी आशंका रहती है।

ct scan and sonography

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अजमेर

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक ही सीटी स्कैन मशीन के चलते गंभीर मरीजों की जान को हर समय खतरा रहता है। कार्डियोलोजी विभाग में सीटी स्कैन मशीन एवं सोनोग्राफी मशीन की सुविधा नहीं होने पर मरीजों को जेएलएन अस्पताल परिसर में भेजना पड़ता है। दूरी एवं सड़क पार करने में समय जाया होने के दौरान गंभीर रोगी का दम टूटने की भी आशंका रहती है।
मेडिकल कॉलेज के अस्पताल जेएलएन अस्पताल परिसर में वर्तमान में एक ही सीटी स्कैन मशीन है। इसमें दुर्घटना में घायल मरीज, आपातकालीन इकाई के मरीज, इण्डोर मरीजों के साथ ही कार्डियोलोजी विभाग से भी मरीजों को जांच के लिए इसी एक सीटी स्कैन मशीन के लिए भेजा जाता है। कार्डियोलोजी विभाग से भी मरीज के परिजन ही लेकर किसी वाहन/एम्बुलेंस से अस्पताल परिसर में लेकर पहुंचते हैं।
ऐसे में ह्रदय रोगी या लकवा ग्रसित गंभीर रोगी की लाते ले जाती ही कई बार मौत भी हो जाती है। ऐसे में आवश्यक है कि कार्डियोलोजी विभाग में सीटी स्कैन मशीन स्थापित की जाए ताकि जरूरत पडऩे पर इसी परिसर में मरीज की सीटी स्कैन जांच हो सके। इसी तरह सोनोग्राफी मशीन की भी सुविधा यहां हो ताकि जेएलएनएच के मुख्य परिसर में मरीज को नहीं ले जाना पड़े।
तीन विभागों के मरीजों को मिलेगी राहत

सीटी स्कैन व सोनोग्राफी मशीन के कार्डियोलोजी विभाग या कॉलेज विंग की ओर स्थापित होने से कार्डियोलोजी विभाग, यूरोलॉजी विभाग एवं टीबी विभाग के मरीजों को सहूलियत मिल सकेगी।
गंभीर रोगी की मौत पर हंगामा

कार्डियोलोजी विभाग में पहुंचे एक गंभीर रोगी को पक्षाघात की आशंका पर सीटी स्कैन जांच के लिए जेएलएनएच के मुख्य परिसर में भेजा। जहां आपातकालीन इकाई से पर्ची बनवाकर सीटी स्कैन कक्ष के बाहर परिजन उसे लेकर पहुंचे। सीटी स्कैन मशीन पर परिजन ने नर्सिंगकर्मी/ तकनीशियन से जल्द जांच की मांग की और बताया कि मरीज के हाथ पांव ठंडे पड़ गए हैं।
इस पर उन्होंने बताया कि टेबल पर एक मरीज लेटा है, इसी बात पर कहासुनी के बाद परिजन व कार्मिक में मारपीट हो गई। बाद में परिजन ने आपातकालीन इकाई में भी हंगामा किया। बाद में चिकित्सकों की समझाइश पर मामला शांत हो गया।

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