किशनगढ़ में गूंदोलाव झील का पानी दिनों-दिन घट रहा जलस्तरपानी की कमी से जलीय जीव जतुओं पर मंडरा सकता है खतराझील में गिरता है गंदे नालों का पानीकिशनगढ़ की ऐतिहासिक गुंदोलाव झील में दिनों-दिन जल स्तर घटने से जगह-जगह जमीन दिखने लग गई है। इससे जलीय जीव-जतुंओं पर भी खतरा मंडराने लगा है।
खूब आते हैं पक्षी
झील का फैलाव अच्छा होने और जलीय-जीव जतुंओं की अच्छी तादाद होने के कारण झील में विदेशी पावणे आते हैं। सर्दी के दौरान सैकडों की संख्या यहां पर विदेशी पावणे पैलिकंस सहित देशी पावणे भी आए थे। वह करीब तीन महिने तक यहां पर रहे भी। वर्तमान में भी पक्षियों ने ढेरा डाल रखा है।
झील का फैलाव अच्छा होने और जलीय-जीव जतुंओं की अच्छी तादाद होने के कारण झील में विदेशी पावणे आते हैं। सर्दी के दौरान सैकडों की संख्या यहां पर विदेशी पावणे पैलिकंस सहित देशी पावणे भी आए थे। वह करीब तीन महिने तक यहां पर रहे भी। वर्तमान में भी पक्षियों ने ढेरा डाल रखा है।
कम हो रहा है पानी
लगातार पानी कम होने के कारण अब इनकी तादाद दिनों-दिन कम होती जा रही है। पानी की कमी के कारण जगह-जगह जमीन दिखने लग गई है। फूल महल के पास ही गहरा पानी है। इसके किनारे तो गर्मी के कारण सूख चुके हैं। वहां जमीन दिखाई देने लग गई है।
लगातार पानी कम होने के कारण अब इनकी तादाद दिनों-दिन कम होती जा रही है। पानी की कमी के कारण जगह-जगह जमीन दिखने लग गई है। फूल महल के पास ही गहरा पानी है। इसके किनारे तो गर्मी के कारण सूख चुके हैं। वहां जमीन दिखाई देने लग गई है।