कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि पूजाराम सोनकर ने कहा कि पिछड़े समाज को अपना गौरवशाली इतिहास को पढ़ने की जरूरत है। इसलिए हम सब को महापुरुषों के जीवन को अध्धयन कर अनुसरण की जरूरत है। विशिष्ठ अतिथि अक्षयवर राम विश्वकर्मा वरिष्ठ अधिवक्ता हाईकोर्ट ने कहा कि पिछड़े समाज को जुड़ कर संघर्ष करने की जरूरत है। कार्यक्रम में डॉक्टर विमल प्रकाश वर्मा ने पिछड़े समाज के महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा शिक्षित समाज ही सविधान की रक्षा कर सकता है इसलिए शिक्षित समाज को सविधान के लिए जागरूक होने का आवाहन किया। कार्यक्रम में वामसेफ के प्रदेश महासचिव आर आर इण्डियन ने कहा कि पिछड़ा समाज का इतिहास हमेशा गौरवशाली रहा है क्यों कि इतिहास गवाह है मौर्य कालीन शासन में नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय संचालित थे। अशोक का गौरवशाली शासन रहा है। बैठक मे चर्चा करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एवं वरिष्ठ बसपा नेता व पूर्व विधायक राम सागर अकेला ने कहा कि हमे पिछड़े समाज की विकास के लिए राजनीतिक विचार धारा से उठकर कार्य करना चाहिए हमे सामाजिक मुद्दों पर दलगत राजनीति से उठकर सामाजिक चेतना का आवाज बनना चाहिए ।कार्यक्रम में मौजूद सपा शासन काल के पूर्व राज्य मंत्री व वरिष्ठ सपा नेता डॉ शिव प्रताप यादव ने पिछड़े समाज के महापुरुषों सम्राट अशोक, बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सावित्री बाई फुले, कर्पूरी ठाकुर आदि महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि समाज ही नेतृत्व पैदा करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को नेतृत्व करने के लिए सामाजिक चिंतन एव सामाजिक सर्मपण करने की जरूरत है। डाॅ यादव ने सभी से आवाह्न किया कि महिला शिक्षा के बिना समाजिक जागरूकता संभव नही इसलिए महिलाओं को शिक्षित करना अतिआवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता रक्षा राम यादव ने व संचालन रविन्द्र वर्मा ने किया। कार्यक्रम के संयोजक मोहित पासवान ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम मे ओमकार नाथ पटेल, चन्द्र प्रकाश यादव, पवन मौर्य, राजेश्वरी प्रसाद मौर्य, संतराम यादव, बृजेश राज, ब्लाक अध्यक्ष गैसड़ी ओमप्रकाश कनौजिया, सुशील वर्मा, प्रिंस वर्मा, हरि प्रसाद गौतम, जय मंगल पासवान, मनीष गौतम आदि पिछड़े समाज के लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में अखिल भारतीय पिछड़ा समाज महासंघ के ब्लाक बलरामपुर सदर के सगंठन की मनोनयन मे महेन्द्र यादव को ब्लाक अध्यक्ष मनोनीत किया गया. मुख्य अतिथि को पूजाराम सोनकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘‘‘ प्रकाशपुंज‘‘‘‘ भेट किया गया।