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बोले दरगाह नाजिम…महफिल में दीवान बैठे या उनका बेटा, आपको तो करना ही पड़ेगा ये काम

locationअजमेरPublished: Apr 19, 2018 04:02:17 pm

Submitted by:

raktim tiwari

इसलिए मौरूसी अमला साप्ताहिक महफिल में अपनी ड्यूटी को अंजाम देता रहे।

ajmer dargah diwan and son issue

ajmer dargah diwan and son issue

अजमेर।

ख्वाजा साहब की दरगाह में जुमेरात को होने वाली महफिल में मौरूसी अमले को व्यवस्थाएं करनी होंगी। इसमें चाहे दरगाह दीवान स्वयं आएं या उनके प्रतिनिधि के रूप में दीवान का बेटा महफिल की सदारत करें। दरगाह नाजिम आई. बी. पीरजादा ने इस संबंध में मौरूसी अमले को पत्र लिखा है।
नाजिम ने मौरूसी अमले को लिखा है कि दरगाह दीवान की ओर से पुत्र को उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद उत्पन्न हुए विवाद को लेकर दरगाह दीवान की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि उन्होंने पुत्र को नायब सज्जादानशीन नियुक्त नहीं किया है, पारिवारिक कारणों से उत्तराधिकारी घोषित किया है। इसलिए नायब सज्जादानशीन को लेकर कोई विवाद शेष नहीं रहा है।
साथ ही एक फैसले के अनुसार अपरिवर्जनीय परिस्थितियों में दीवान के प्रतिनिधि व परिवार के सदस्य उनका कार्य कर सकते हैं। इसलिए मौरूसी अमला साप्ताहिक महफिल में अपनी ड्यूटी को अंजाम देता रहे।

यह है विवाद की जड़
बीते मार्च में उर्स के दौरान दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान ने अपने पुत्र नासिरुद्दीन को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। इसकी जानकारी मिलते ही दरगाह के खादिम नाराज हो गए। उन्होंने कथित तौर पर दीवान को छठी शरीफ की रस्म में शामिल होने से रोक दिया। जब दीवान छठी शरीफ की रस्म के लिए गुस्ल देने जाने लगे तो एक खादिम ने जन्नती दरवाजे पर ताले लगा दिए। इसके चलते दीवान को पांच-छह घंटे वहीं बैठना पड़ा। दीवान के चले जाने के बाद ही ताला खोला गया। दीवान ने इसकी शिकायत केंद्र सरकार, दरगाह कमेटी, राज्य सरकार और पुलिस को भी की।
खादिम नहीं मानते उत्तराधिकारी
खादिम समुदाय दरगाह दीवान के बेटे को उत्तराधिकारी नहीं मानता है। खादिमों का कहना है, इसके बहाने दीवान अपने बेटे को गद्दी सौंपना चाहते हैं, लेकिन यह दरगाह कमेटी के एक्ट के अनुसार नहीं है। हाल में खादिमों ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मुलाकात कर उन्हें प्रकरण से अवगत भी कराया था।
पुराना है दोनों में विवाद
दरगाह दीवान और खादिमों में विवाद लम्बे अर्से से जारी है। दरगाह में आने वाले चढ़ावे को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने हैं। दीवान ने कई बार केंद्र सरकार को माता वैष्णोदेवी श्राइन की तरह ट्रस्ट बनाने की मांग की है, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। खादिमों ने भी दरगाह कमेटी और एक्ट को सक्षम बताते हुए कई बार दीवान के तर्क पर ऐतराज जताया है।

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