सेफ रोड फॉर ऑल
सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इम्पू्रव द रोड सेफ्टी ऑफ कंट्री प्रोजेक्ट के तहत इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस प्रोजेक्ट (आईरेड) तैयार किया जा रहा है। इसके तहत एक साल तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अध्ययन किया जाएगा। गूगल प्वाइंट के लिए यह पता चलेगा कि एक्सीडेंट किन कारणों से हो रहा है और इसमें किस तरह से कमी लाई जाए। इसके लिए वेब एंड मोबाइल एप्लीकेशन डवलप की जा रही है।
तमिलनाडू ने घटाई सड़क दुर्घटनाएं तमिलनाडू में पुलिस, ट्रांसपोर्ट,पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा विभाग व एनएचआई ने आपस में मिलकर एप का इस्तेमाल कर सड़क दुर्घटनाओं में एक वर्ष में 40 फीसदी कमी दर्ज की है। तमिलनाडू में वर्ष 2016 में सड़क दुघर्टना के 71 हजार 430 मामले सामने आए जबकि जबकि 2019 में इनकी संख्या 57 हजार 230 मामले ही सामने आए। तमिलनाडू से प्रेरित होकर अब इसे देशभर में लागू किया जा रहा है।
अस्पताल में पहले से होगी इलाज की तैयारी पुलिसकर्मी दुर्घटना स्थल पर मोबाइल एप के जरिए विवरण दर्ज करेंगे। इसमें घटना में प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन नम्बर, लाइसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का संभावित कारण, फोटो तथा वीडियो अपलोड किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होते ही इस दुर्घटना की सूचना सम्बन्धी आरटीओ/ डीटीओ, स्वास्थ्य विभाग, एनएचआई व पीडल्यूडी के पास पहुंच जाएगी। इस आधार पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज सम्बन्धी तैयार अस्पताल मेें होगी।
आंकड़ों का होगा अध्ययन दुर्घटना की जानकारी पीडब्ल्यूडी, एनएचाई व आरटीओ महकमें के पास यह सूचना स्वचलित प्रणाली से पहुंचेगी। यह विभाग घटना के कारणों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करेंगे ऑन लाइन दर्ज करेंगे। इन आंकड़ों का अध्ययन आईआईटी चेन्नई करेगी तथा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के सुझाव देगी। मोबाइल एप और वेब दोनो में में अनुप्रयोग है। इस का उपयोग मोबाइल टेबलेट के माध्ययम से दुर्घटना सम्बन्धी जानकारी संग्रह और देखने के लिए किया जाएगा।
जिले के 60 पुलिसकर्मियों को मिला प्रशिक्षण
अजमेर में इस मॉडल के लिए प्रथम चरण में पुलिस महकमे जिले के सभी 30 थानों के 60 पुलिस कर्मियों को एक दिवसीय एकीकृत-सड़क दुर्घटना डेटाबेस प्रशिक्षण एनआईसी द्वारा दिया गया। इस प्रोजेक्ट के लिए जिले में कॉर्डिनेटर भी नियुक्त किया गया है।
जिले में तीन साल में 4908 सड़क दुर्घटना अजमेर जिले में पिछले तीन सालों में सड़क दुर्घटना के 4 हजार 908 मामले सामने आए। इनमें 2 हजार 385 लोगों की मौत हो गई जबकि 4 हजार 532 घायल हुए। वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना के 1902 मामले सामने आए। इनमें 981 की मौत हो गई जबकि 1746 घायल हो गए। वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटना के 2103 मामले सामने आए। इनमें 959 की मौत हो गई जबकि 2013 घायल हो गए। वर्ष 2020 (नवम्बर तक) में सड़क दुर्घटना के 903 मामले सामने आए। इनमें 445 की मौत हो गई जबकि 764 घायल हो गए।
इनका कहना है पायलट प्रोजेक्ट के जिलों के लिए एप की लॉंचिंग इसी माह की जाएगी। प्रशिक्षण सभी विभागों के कार्मिकों को प्रदान किया जाएगा।
अंकुर गोयल, तकनीकी निदेशक, एनआईसी अजमेर read more:
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