मासूम नन्ही कलियों सी बेटियों को जिन्दगी भर का गम दे गया। काश! काल अपना रुख बदल लेता, काश! कार चालक अपने शौक को कंट्रोल कर पाता। खैर विधाता की होनी को कौन टाल सकता है, उसे जो मंजूर था किया मगर आइए हम उन मासूम का कैसे सहारा बनें। जरा सोचें अपने परिवार की इन बिलखती मासूम को कैसे संभालें।
दो दिन पूर्व सावित्री स्कूल चौराहे पर हुए सड़क हादसे में शेखर गुप्ता व उनकी पत्नी रीना की मौत ने शहर को फिर एक जख्म दे दिया। हादसे में इनकी मासूम बेटियां रिद्धिमा (११) एवं ऐश्वर्या (८) भी घायल हो गईं। हादसे में उछल कर दूर जा गिरी इन बेटियों के हाथ, पैरों में गंभीर चोटें आई वहीं रिद्धिमा के सिर में गंभीर चोट लगीं। दोनों बेटियों का इलाज पुष्कर रोड स्थित मित्तल हॉस्पिटल में चल रहा है। रिद्धिमा का दोपहर में ऑपरेशन हुआ। वहीं छोटी बेटी ऐश्वर्या का ऑपरेशन बुधवार को तय है।
करवाएंगे १-१ लाख की एफडी
मृतक शेखर जहां निजी कंपनी में कार्यरत थे वहीं उनकी पत्नी रीना संस्कृति स्कूल में गणित की अध्यापिका थी। संस्कृति स्कूल प्रशासन ने निर्णय किया है कि दोनों बच्चियों के लिए नि:शुल्क शिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। वहीं स्टाफ ने राशि एकत्र कर एक-एक लाख रुपए दोनों बालिकाओं के नाम एफडी करवाने का निर्णय किया है।
पहले भी हो चुके कई हादसेअजमेर में तेज रफ्तार कार-स्कूटर, जीप और ट्रेक्टर की टक्कर से कई बार हादसे हो चुके हैं। जून में ट्रेक्टर ट्रॉली की टक्कर से एक मासूम स्कूली छात्र की मौत हो गई थी। कलक्टर ने ट्रेक्टर-ट्रॉलियों के शहर में संचालन पर रोक लगाई पर कोई असर नहीं हुआ। इसी तरह माकड़वाली रोड, फायसागर रोड,
जयपुर रोड और अजमेर क्लब के पास भी स्कूल छात्र-छात्रा की मौत हो चुकी है।