खुद जिला पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने मौके पर पहुंच राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। विधायक सुरेश टांक, उपखंड अधिकारी व तहसीलदार समेत कई अधिकारी देर रात तक घटनास्थल पर डटे रहे।
गुरुवार दोपहर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था जो रात 1 बजे खत्म हुआ। जेसीबी चालक का शव दलदल में धंस गया था। जेसीबी को खदान से बाहर निकालने में भी काफी दिक्कतें हुई।
सीधा घर जाता तो बच जाती जान कल्याणीपुरा निवासी रामराज गुर्जर जेसीबी लेकर अपने गांव जा रहा था। रास्ते में खेत मालिक ने गुर्जर से कहा कि जेसीबी से थोड़ा मलबा साफ कर दो। एक-दो घंटे की मजदूरी का भुगतान कर दूंगा। रामराज थोड़ा लालच में आ गया। उसने सोचा कि आज कोई दूसरा काम भी नहीं है। जेसीबी चलेगी तो थोड़ा पैसा हाथ में आएगा।
खेत में बनी खदान के ऊपरी हिस्से का मलबा हटाने का नब्बे फीसदी काम पूरा हो गया था। तभी खदान का एक हिस्सा ढहने से रामराज जेसीबी सहित खदान के गहरी पानी में जा डूबा था। यदि रामराज रास्ते में नहीं रुकता तो उसकी जान बच जाती, लेकिन उसकी तो मौत लिखी थी।
तेजी से चला बचाव व राहत कार्य हादसे के बाद प्रशासन ने बचाव एवं राहत के कार्य में तेजी दिखाई। जेसीबी व चालक को तलाश करने में सारे संसाधन झोंक दिए। सिविल डिफेंस व एसडीआरएफ की टीम, पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप, उपाधीक्षक भूपेन्द्र शर्मा, सरवाड़ एसडीएम तारामती वैष्णव, अरांई थानाधिकारी ओमप्रकाश मीणा, खनिज अभियंता मनोज तंवर, सरपंच भोजराज गुर्जर सहित कई प्रणुख लोग मौके पर पहुंचे। सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीम ने पुलिस और ग्रामीणों की मदद से जेसीबी चालक रामराज गुर्जर का शव बाहर निकाल ही लिया।