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अजमेर

साहब अभी फरमा रहे हैं आराम, करना पड़ेगा आपको कुछ इंतजार

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अजमेरOct 13, 2018 / 03:35 pm

raktim tiwari

5 year llb course

5 year llb course

अजमेर.

सरकारी और निजी कॉलेज में पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम फिलहाल शुरू होना मुश्किल है। दरअसलमहर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने सिलेबस ही तैयार नहीं किया है। ऐसी स्थिति में सत्र 2019-20 में ही इसकी शुरुआत के आसार हैं।
विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा और नागौर जिले के कॉलेज शामिल हैं। ज्यादातर कॉलेज में कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के पारम्परिक पाठ्यक्रम ही संचालित हैं। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, एबीएसटी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, ईएएफएम और अन्य कोर्स शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने बीते जून में आयोजित विद्या परिषद की बैठक में पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम की शुरुआत को मंजूरी दी। इसके तहत बीए, बीएससी और बी.कॉम एलएलबी पाठ्यक्रम संचालन का फैसला किया गया।
सिलेबस नहीं हुआ तैयार

विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रम तो मंजूर कर दिया लेकिन इसका सिलेबस अब तक नहीं बन पाया है। केवल बीए, बी.कॉम, बीएससी स्तर पर विधि संकाय से जुड़े पेपर के नाम तय हुए हैं। नागौर जिले के एक-दो कॉलेज ने पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम चलाने की पेशकश भी। लेकिन सिलेबस नहीं बनने से फिलहाल वे विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं सकते हैं। मालूम हो कि पाठ्यक्रमों की अवधि पांच वर्षीय होगी। बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी इनमें प्रवेश ले सकेंगे।
सत्र 2019-20 से शुरुआत!

पहल विश्वविद्यालय मौजूदा सत्र में पाठ्यक्रम चलाना चाहता था। सिलेबस नहीं बनने से अब यह सत्र 2019-20 से ही प्रारंभ हो सकता है। इसके अलावा लॉ और अन्य सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम संचालन के लिए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजना पड़ेगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम शुरू हो सकता है।
यह हैं रोजगार के लिए यह क्षेत्र
-विधि सलाहकार अथवा विधि परामर्शी
-कॉरपॉरेट क्षेत्र-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में रोजगार
-श्रम एवं नियोजन विभाग
-न्यायिक क्षेत्र-सरकारी अथवा निजी प्रेक्टिस


पांच वर्षीय बीए, बीएससी और बी.कॉम एलएलबी पाठ्यक्रम को मंजूरी मिल चुकी है। सिलेबस बनने पर ही परीक्षा और प्रवेश हो सकते हैं।
डॉ. डी. के. सिंह, डीन विधि संकाय और कार्यवाहक प्राचार्य लॉ कॉलेज
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