नहीं भटकना पड़ेगा मरीज को लेकर इधर-उधर इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के खुलने से अब मरीज को कैज्युल्टी से इधर-उधर अलग-अलग विभागों में लेकर भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में न्यूरो, काडियोलॉजी विभाग, मेडिसिन, सर्जरी सहित अन्य विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मौजूद रहेगी। कैज्युल्टी व ट्रोमा में आने वाली दुर्घटनाग्रस्त या आपात स्थित में तबियत खराब वाले मरीजों को एक ही जगह उपचार मिल सकेगा। वहीं पीजी की नई सीटें मिलने की भी उम्मीद है।
खेलते बच्चे की आंख में घुसा 15 सेमी का तार निकाला
वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नैनीवाल व टीम ने किया ऑपरेशन
अजमेर. रिमोट सेंसिंग वाली कार के साथ खेलना एक मासूम पर भारी पड़ गया। कार को चलाते समय अचानक रिमोट सेंसर का तार उछलकर उसकी आंख में घुस गया। परिजन तत्काल उसे जवाहर लाल नेहरू अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ संजीव नैनीवाल व टीम ने ऑपरेशन कर तार निकाला। गनीमत रही कि बच्चे की आंख बच गई।
वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नैनीवाल व टीम ने किया ऑपरेशन
अजमेर. रिमोट सेंसिंग वाली कार के साथ खेलना एक मासूम पर भारी पड़ गया। कार को चलाते समय अचानक रिमोट सेंसर का तार उछलकर उसकी आंख में घुस गया। परिजन तत्काल उसे जवाहर लाल नेहरू अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ संजीव नैनीवाल व टीम ने ऑपरेशन कर तार निकाला। गनीमत रही कि बच्चे की आंख बच गई।
जेएलएन अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नैनीवाल ने बताया कि शुक्रवार को हाथीखेड़ा निवासी ढाई वर्षीय बच्चे की आंख से करीब 15 सेमी लम्बा लोहे का तार ऑपरेशन कर निकाला गया। उन्होंने बताया कि घर में रिमोट सेंसिंग कार को बच्चा चला रहा था, अचानक सेंसिंग तार उछलकर बच्चे की आंख में घुुुुुुुुुुुुुुुुस गया। परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉ. नैनीवाल के नेतृत्व में डॉ. अंकुर कुमार, डॉ, रघु, डॉ. आयुषी, डॉ. साक्षी ने ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद बालक को छुट्टी दे दी गई।