script

डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल

locationअजमेरPublished: Jun 24, 2020 01:17:14 am

Submitted by:

manish Singh

विवाहिता ने मानसिक अवसाद में फांसंी लगाई, 2 युवकों ने काम-धंधा नहीं होने से दी जान, आदर्शनगर, गंज व रामगंज थाना क्षेत्र के मामले

डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल

डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल,डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल,डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल,डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल,डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल,डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल,डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल,डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल,डिप्रेशन और बेरोजगारी बनी तीन का काल

अजमेर(Ajmer News). बेरोजगारी से परेशान दो युवक व मानसिक अवसाद में घिरी नवविवाहिता ने बीते चौबीस घंटों में संदिग्ध हालात में फांसी लगाकर जान दे दी। तीनों मामलों में आदर्शनगर, गंज व रामगंज थाना पुलिस पड़ताल में जुटी है।
केस-1 सवा साल पहले हुआ था विवाह
आदर्शनगर थाना क्षेत्र में नवविवाहिता ने फांसी लगाकर जान दे दी। सोमवार रात वह कमरे में फंदे पर लटकी मिली। पुलिस ने मंगलवार को पीहर पक्ष के अजमेर पहुंचने पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया। प्रकरण में जांच अजमेर उपखण्ड अधिकारी कर रहे हैं। परबतपुरा स्थित सेंट जोसफ स्कूल के पीछे रहने वाले शैलेन्द्र बैरवा की पत्नी ललिता(32) ने सोमवार देर रात संदिग्ध हालात में फांसी लगाकर जान दे दी। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया। मंगलवार दोपहर अलवर मंडावर से पीहर पक्ष के आने पर एसडीएम अजमेर ने शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया। हालांकि पीहर पक्ष ने किसी तरह का कोई शक जाहिर नहीं किया है।
एक साल से चल रहा था उपचार

भाई मनीष ने बताया कि ललिता पिछले एक साल से मानसिक अवसाद में थी। उसका जयपुर के मनोचिकित्सक से उपचार भी चल रहा था। उसकी ललिता से सोमवार शाम मोबाइल पर बात हुई थी। मनीष ने बताया कि बहनोई शैलेन्द्र मूलत: बांदीकुई का रहने वाला है। कामकाज के कारण अजमेर में रह रहा था।
केस-2 बेरोजगारी बनी दो का काल

लॉकडाउन में बेरोजगारी से परेशान एक युवक ने फांसंी लगा ली। गंज थाना पुलिस ने मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजन के सुपुर्द कर दिया।

एएसआई रिछपालसिंह ने बताया कि फॉयसागर रोड अर्जुननगर माली मौहल्ले में रहने वाले राकेश (28) पुत्र प्रेमचन्द रेगर ने सोमवार रात को संदिग्ध हालात में फांसी लगाकर जान दे दी। उन्होंने बताया कि राकेश के तीन बच्चे हैं। वह दिहाड़ी मजदूरी करके उनका भरण-पोषण करता था। लॉकडाउन में काम-धंधा नहीं मिलने से वह अवसाद में शराब का सेवन कर रहा था। उसने सोमवार रात को फांसी लगाकर जान दे दी।
केस-3 फंदे पर लटका मिला

रामगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार दोपहर नशे में एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

सहायक उप निरीक्षक मुकेश कुमार यादव ने बताया कि अजय नगर विवेकानन्द कच्ची बस्ती निवासी उत्तम सिवांसिया (22) पुत्र गोविन्द राम रेगर मंगलवार दोपहर अपने घर में कमरे में फंदे पर लटका मिला। परिजन ने पुलिस को बताया कि उत्तम बुधवार दोपहर नशे में आया। वह कमरे में चला गया। शाम को परिजन ने देखा तो वह फंदे पर लटका मिला। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि उत्तम चप्पल बनाने व बेलदारी का काम करता था लेकिन लॉकडाउन के बाद कामकाज नहीं मिलने से परेशान था।

ट्रेंडिंग वीडियो