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अजमेर

विरोध के बावजूद, पहले दिन की कमाई ने किया दंग

ऐतिहासिक बारादरी पर सशुल्क प्रवेश पर जहां राजनैतिक और सामाजिक संगठनों ने विरोध जताया। वहीं पहले दिन की कमाई देखकर पुरातत्व विभाग एवं सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी चौंक गए।

अजमेरMay 02, 2019 / 12:56 am

manish Singh

Despite opposition, First day's earnings surprised

विरोध के बावजूद, पहले दिन की कमाई देखकर रह गए दंग

बारादरी पर प्रवेश शुल्क की व्यवस्था लागू : अवांछित लोग रहे नदारद, यूथ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
अजमेर.

ऐतिहासिक आनासागर झील पर बनी बारादरी पर पुरातत्व विभाग की ओर से लागू टिकट व्यवस्था में पहले दिन अच्छा रुझान मिला। जहां यूथ कांग्रेस ने व्यवस्था का विरोध किया। वहीं पहले दिन एक हजार से ज्यादा पर्यटक टिकट लेकर बारादरी को निहारा। व्यवस्था का असर बारादरी के अंदर नजर आया। बुधवार को बारादरी पर अवांछित लोग नदारद थे। बारादरी पर टिकट व्यवस्था लागू करने से नाराज युथ कांग्रेस ने बारादरी के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन कर विरोध जताया। युथ कांग्रेस शहर अध्यक्ष यासिर चिश्ती के साथ आए कार्यकर्ताओं ने पुरातत्व विभाग का बैनर हटाकर अधिकारियों को आड़े हाथ लिया। यासिर ने बताया कि बारादरी पर शुल्क वसूलना नाजायज है। राज्य व केन्द्र सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने में लगी है। वहीं पुरातत्व विभाग बारादरी पर शुल्क लगाकर पर्यटकों की जेब काट रहा है। उन्होंने चेताया कि पर्यटन व पर्यटकों के हितों के साथ खिलवाड़ किए जाने पर आंदोलन किया जाएगा।
25 रुपए शुल्क है ज्यादा

बारादरी पर प्रवेश के लिए 25 रुपए वसूले जाने का शहरवासियों ने भी विरोध जताया। उनका कहना रहा कि पुरातत्व विभाग की ओर से 25 रुपए का शुल्क अधिक है जबकि बारादरी पर अभी मौजूदा स्थिति में पर्यटकों को कोई सुविधा नहीं है। न टॉयलेट है न अन्य व्यवस्था। ऐसे में पुरातत्व विभाग को टिकट राशि पर दुबारा विचार करना चाहिए।
राजीव गांधी युथ फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल गंगवाल व राष्ट्रीय सोनिया गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के अजमेर शहर अध्यक्ष राजकुमार गर्ग ने बारादरी पर आमजन व पर्यटकों से शुल्क लेने का विरोध जताया। उन्होंने शुल्क व्यवस्था को वापस लेने की मांग की। इस अवसर पर अजमेर शहर कांग्रेस महासचिव शिव कुमार बंसल, राजकुमार गर्ग, सीए प्रकोष्ठ अध्यक्ष विकास अग्रवाल, विजय पांड्या सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मिले सुबह नि:शुल्क प्रवेश

विधायक वासुदेव देवनानी ने भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग की ओर से बारादरी पर 25 रूपए के टिकट से प्रवेश दिये जाने का फैसले का विरोध किया। उन्होंने सुभाष उद्यान की तर्ज पर शहरवासियों को सुबह 9 बजे तक नि:शुल्क प्रवेश देने की बात कही। उन्होंने कहा कि बारादरी पर बड़ी संख्या में लोग सुबह सैर के लिए जाते है और ताजी हवा में भ्रमण, व्यायाम व योगाभ्यास करते है। देवनानी ने स्थानीय अधिकारियों को विरोध दर्ज कराते हुए बारादरी के रखरखाव, बगीचों की साफ -सफाई और जनसुविधाएं जुटाने की प्रवेश पर भारी टिकट थोप दिया।
बिक गए 12 सौ टिकट

पुरातत्व विभाग के अनुसार बुधवार को दोपहर 2 बजे तक एक हजार टिकट की बिक्री हो चुकी थी। पहले दिन टिकट की सख्ती से बारादरी पर मछली दाना बेचने वाले, फेरी लगाने वाले भी नदारद रहे। इससे माहौल शांत व खाली-खाली नजर आया।
यह है शुल्क
-25 रुपए देशी, सार्क व विमष्टक देश के पर्यटकों के लिए

–300 रुपए विदेशी पर्यटकों के लिए

पहले दिन राहत
पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बारादरी पर सुबह की सैर करने आने वालों को पहले दिन राहत दी। उन्हें सुबह 7 से 8 बजे तक के लिए प्रवेश दिया गया लेकिन गुरुवार से पूरी तरह पाबंदी रहेगी। अधिकारियों ने बताया सुबह सैर पर आने वाले शहरवासी को निश्चित समय में प्रवेश के लिए मुख्यालय को लिखा है। मुख्यालय से दिशा निर्देश के बाद फैसला हो सकेगा।
शुल्क की निंदा

सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष करण सिंह ने बारादरी पर पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग की ओर से 25 रुपए का शुल्क लगाए जाने की निंदा की। उन्होंने बताया कि शुल्क लगाने से पर्यटन व उससे जुड़े लोगों की जिन्दगी पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
इनका कहना है…
कुछ लोगों ने विरोध जताया। यह मुख्यालय का फैसला है। पहले दिन पर्यटकों का अच्छा रुझान आया। दोपहर 2 बजे तक 1200 से ज्यादा टिकट बिक चुके हैं। इससे करीब 25 हजार रुपए की आय हुई।
दयानन्द गुप्ता, सरंक्षण सहायक पुरातत्व विभाग

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