उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि अब तकनीक के साथ चलने का समय है। अधिकारी स्वयं को नई तकनीक के साथ ढालें ताकि कामकाज में गति आ सके। शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जिले के 282 पंचायत शिक्षा अधिकारियों सहित 336 शिक्षा अधिकारियों को लैपटॉप वितरित किए। पिछले साढ़े चार साल में राजस्थान की शिक्षा में एक युग बदल गया है।
कभी शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा कहा जाने वाला हमारा राज्य अब देश में दूसरे स्थान पर है। यह सब संभव हुआ है राज्य सरकार और शिक्षकों के साझा प्रयासों से। सरकार ने शिक्षकों की उन्नति के लिए हरसंभव प्रयास किया।
उन्होंने कहा सभी स्तर के अधिकारियों को तकनीक में माहिर करने के लिए लैपटॉप दिए जा रहे हैं। इनसे विभाग से संबंधित सभी तरह की सूचनाएं प्राप्त करना तथा भेजना ऑनलाइन हो जाएगा। अधिकारी ज्यादा से ज्यादा तकनीक का उपयोग करें ताकि कामकाज की गति और बढ़ सके।
जिले के 489 स्कूलों में स्र्माट क्लासरूम भी तैयार करवाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में जिले के 336 शिक्षा अधिकारियों को 1.41 करोड़ रुपए की लागत से लैपटॉप का वितरण किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा अधिकारी एवं जिलेभर से आए पंचायत शिक्षा अधिकारी उपस्थित थे।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार नई तकनीक के साथ भी कदम बढ़ा रही है। पहले हमने प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर पंचायत शिक्षा अधिकारी का पद सृजित कर उस क्षत्र के स्कूलों को पीईईओ के अधीन किया। अब प्रदेश के सभी 310 ब्लॉकों में शीघ्र ही जिला शिक्षा अधिकारियों के पद सृजित कर नियुक्ति की जाएगी।
इसी तरह जिला मुख्यालयों पर उप निदेशक एवं संभाग मुख्यालयों पर संयुक्त निदेशक तैनात किए जाएंगे। शहरी क्षेत्र के स्कूल में एडमिशन नहीं बढ़े तो टीचर्स को यहां से हटाकर ग्रामीम इलाकों में भेजा जाएगा। जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा ने एक नया इतिहास रचा है।
आज गांव हों या शहर, सभी जगह सरकारी स्कूलों की चर्चा है। अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं।