अजमेर में गत दिनों डायल 100 सेवा को लेकर आई तकनीकी परेशानी का स्थानीय स्तर पर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डा. प्रियंका रघुवंशी ने 2 अतिरिक्त लैंडलाइन नम्बर जारी करने के साथ-साथ अभय कमांड सेंटर में तैनात स्टाफ को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने की हिदायत दी थी। ताकि ज्यादा से ज्यादा कॉल रिसीव कर आमजन की मदद की जा सके लेकिन मौजूदा 100 डायल की व्यवस्था व सुविधा को देखते हुए ना केवल अजमेर में बल्कि प्रदेश में इसे अपग्रेड करने की जरूरत है। हालांकि प्रदेश में डायल 100 सेवा को रेंज स्तर पर सेन्ट्रलाइज है लेकिन इसको राज्य स्तर पर कॉल सेंटर की तर्ज पर व्यवस्थित करने की जरूरत है। ताकि आमजन को त्वरित मदद मिलने के साथ राहत दी जा सके।
राजस्थान में रेंज स्तर पर अभय कमांड सेंटर -रेंज स्तर के अभय कमांड सेंटर पर डायल 100 सेवा में रेंज के चार जिले के कॉल पहुंच रहे है। जिसे बाद में संबंधित जिले को भेज दी जाती है।-डायल 100 सेवा या अभय कमांड सेंटर से जिला मुख्यालय पर 4 चेतक, 12 सिग्मा टीम 24 घंटे सप्ताह के 7 दिन और महिला शक्ति दल शहर की सड़कों पर तैैनात रहती है।
-डायल 100 में वाइस कॉल, एसएमएस व सोशल मीडिया के वाट्सएप पर मैसेज भेजकर भी मदद ली जा सकती है।-सोशल मीडिया पर महिलाओं के लिए आवाज दो व पुलिस एप पर पैनिक बटन की सुविधा है।
मध्यप्रदेश भोपाल में डायल 100 सुविधाएं -एमपी में आपातकालीन डायल 100 को नया व पहले से बेहतर बनाने के लिए एक हजार से ज्यादा फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल (एफआरवी) तैनात किए हैं।-डायल 100 सेवा में तैनात एफआरवी को शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र तक बढ़ाया जा रहा है। इनमें स्ट्रेचरकी सुविधा भी होगी। आपात स्थिति में घायल को अस्पताल पहुंचाया जा सके।
-एफआरवी में डैशबोर्ड और स्टाफ के बॉडी वार्न कैमरों से लैस होंगे। ताकि उसकी लोकेशन व लाइव वीडियो देखी जा सके।-एफआरवी की सटीक लोकेशन के लिए जीपीआरएस से डिजिटल मैप लगाया गया है। -डायल 100 में वाइस कॉल, एसएमएस व सोशल मीडिया पर पैनिक बटन दबाने पर एफआरवी भेजने की सुविधा है।-आपातकालीन डायल 100 को मोबाइल एप्लीकेशन से जोड़ा गया है। इसमें फायर, एम्बुलेंस व पुलिस का एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन शामिल होगी।
-डायल 100 सेवा पर आने वाली कॉल को गोपनीय रखने के साथ बातचीत का रिकॉर्ड रखा जाता है।-डायल 100 सेवा पर तैनात कॉल टेकर और डिस्पेचर की संख्या में इजाफा किया गया है। इनका कहना है
100 डायल को पहले से अपडेट किया जा चुका है। अब प्रदेश में रेंज स्तर पर डी-सेन्ट्रलाइज सिस्टम है। रेंज मुख्यालय पर बने अभय कमांड सेंटर को आने वाली कॉल रेंज से संबंधित जिले के कन्ट्रोल रूम को भेज देते हैं। कभी-कभार तकनीकी गड़बड़ी आ सकती है।
सुनिल दत्त, एडीजी टेक्निकल